Last Updated: Tuesday, April 2, 2013, 00:11

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने विवादास्पद सेतु समुद्रम परियोजना पर अपना रुख स्पष्ट करने के लिये आज तमिलनाडु सरकार को दो सप्ताह का वक्त दिया।
केंद्र सरकार पहले ही स्पष्ट कर चुकी है कि वह इस परियोजना को आगे बढ़ाना चाहती है। तमिलनाडु सरकार को अब दो सप्ताह के भीतर न्यायालय में इस मामले में हलफनामा दाखिल करना होगा। न्यायमूर्ति एच एल दत्तू और न्यायमूर्ति जे एस खेहड़ की खंडपीठ ने तमिलनाडु सरकार से कहा कि वह दो सप्ताह के भीतर अपना रुख स्पष्ट करते हुये हलफनामा दाखिल करे और ऐसा करने से कम से कम दो तीन दिन पहले इसकी प्रति सालिसीटर जनरल तथा दूसरे पक्षों को उपलब्ध कराये।
सेतु समुद्रम परियोजना विवाद में याचिका दायर करने वाले जनता पार्टी के अध्यक्ष सुब्रह्मण्यम स्वामी ने कहा कि चूंकि सरकार ने आरके पचौरी समिति की रिपार्ट अस्वीकार कर दी है, इसलिए अब न्यायालय को ही इस प्रकरण का निबटारा करना चाहिए। पचौरी समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि आर्थिक और पारिस्थितिकी दृष्टिकोण से यह परियोजना व्यावहारिक नहीं है।
केन्द्र सरकार ने न्यायालय में दाखिल हलफनामे में कहा था कि वह 25 हजार करोड़ रुपये की महत्वाकांक्षी सेतु समुद्रम परियोजना को आगे बढ़ाना चाहती है क्योंकि इससे आर्थिक, नौवहन और सामरिक लाभ होगा। सरकार का यह भी कहना था कि इस परियोजना पर जून, 2012 तक 829.32 करोड़ रुपए खर्च किये जा चुके हैं। इससे पहले, केन्द्र सरकार ने पचौरी समिति की रिपोर्ट के आलोक में इस विवादास्पद परियोजना के बारे में न्यायालय को अपने दृष्टिकोण से अवगत कराया था।
सेतु समुद्रम परियोजना से पौराणिक कथाओं में वर्णित राम सेतु को बचाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं दायर की गई हैं। इन याचिकाओं क कारण ही यह परियोजना न्यायिक समीक्षा के दायरे में आ गई है। (एजेंसी)
First Published: Monday, April 1, 2013, 19:22