Last Updated: Monday, July 29, 2013, 23:14

अहमदाबाद : वित्तमंत्री पी. चिदंबरम ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में नरेंद्र मोदी सरकार के प्रदर्शन पर निशाना साधने के लिए आज प्रख्यात अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन तथा जगदीश भगवती के सुझाए विकास मॉडलों का सहारा लिया और वृद्धि के जुनून को गरीबों के लिए सहानुभूति के साथ जोड़ने की आवश्यकता पर जोर दिया।
चिदंबरम ने यहां एक कार्य्रकम में कहा, जहां तक वृद्धि का सवाल है, मुझे लगता है कि हमें भगवती और सेन, दोनों मॉडल की जरूरत है। उन्होंने कहा, वृद्धि के जुनून को गरीबों की सहानुभूति से जोड़े बिना भारत कभी भी वास्तव में प्रसन्न, संपन्न देश नहीं बन सकता। देश का एक बड़ा हिस्सा गरीब है। वृद्धि के लिए सेन का मॉडल कहता है कि भारत को अपने सामाजिक बुनियादी ढांचे में अधिक निवेश करना चाहिए जबकि भगवती द्वारा समर्थित मॉडल का तर्क है कि वृद्धि पर ध्यान केंद्रित करने से सामाजिक क्षेत्र की योजनाओं में निवेश के लिए पर्याप्त संसाधन जुट जाएंगे।
भगवती तथा सेन जैसे प्रख्यात अर्थशास्त्रियों द्वारा सुझाए गये आर्थिक माडलों को लेकर वृद्धि तथा समानता पर इन दिनों बड़ी गंभीर बहस चल रही है। चिदंबरम ने कहा, मैं जानता हूं कि राजनीति में वैकल्पिक विमर्श हैं और राजनीति इसी तरह होनी चाहिए।
गुजरात तथा महाराष्ट्र का उदाहरण देते हुए चिदंबरम ने कहा, अगर हम 11वीं पंचवर्षीय योजना अवधि में वृद्धि दर पर विचार करें तो यह महाराष्ट्र की 8.5 प्रतिशत तथा गुजरात की 9.5 प्रतिशत थी, कोई बड़ा अंतर नहीं। उन्होंने कहा, अगर आप कृषि वृद्धि पर देखें तो महाराष्ट्र की दर दो प्रतिशत तथा गुजरात की 6.65 प्रतिशत है। अगर हम कृषि एवं सम्बद्ध क्षेत्रों पर देखें तो महाराष्ट्र की वृद्धि दर 1.93 प्रतिशत तथा गुजरात की 5.63 प्रतिशत है। चिदंबरम ने कहा, स्पष्ट रूप से वृद्धि के मामले में गुजरात, महाराष्ट्र से आगे है। हम कह सकते हैं कि जीडीपी, कृषि वृद्धि में गुजरात का स्कोर महाराष्ट्र से अधिक है। लेकिन अगर हम शिशु मृत्यु दर (आईएमआर) को देखें 2010-11 में गुजरात की आईएमआर 44 प्रति 1000 थी जबकि महाराष्ट्र की 28 प्रति हजार। वहीं 2007-09 में प्रसूता (मेटरनल) मृत्यु दर गुजरात में 148 तथा महाराष्ट्र में 104 थी।
उन्होंने कहा कि इसी तरह कुल प्रजनन दर गुजरात में 2.5 प्रतिशत तथा महाराष्ट्र में 1.9 थी। अगर हम टीकाकरण कवरेज को देखें तो यह गुजरात में 94.7 प्रतिशत तथा महाराष्ट्र में 99.45 प्रतिशत है। चिदंबरम ने कहा कि तीन साल तक के अल्पपोषित बच्चों पर विचार करें तो गुजरात में यह संख्या 41.3 प्रतिशत तथा महाराष्ट्र में 32.5 प्रतिशत है।
वित्तमंत्री ने कहा, इसलिए अगर आप गरीबों के लिए सहानुभूति को वृद्धि से जोड़ देंगे तो परिदृश्य बदल जाएगा। साथ ही उन्होंने कहा, मैं यहां पर राजनीतिकरण के लिए नहीं हूं इसलिए ज्यादा कुछ नहीं कहूंगा। उन्होंने कहा, मैं वृद्धि को लेकर जुनूनी हूं। लेकिन मैं आपको याद दिलाता हूं कि वृद्धि के लिए जुनून को गरीबों के लिए सहानुभूति से जोड़ना होगा। चिदंबरम ने कहा, सबसे रचनात्मक आर्थिक नीति सहानुभूमि के तत्व के बिना अधूरी है। मैं डॉ. भगवती के विचारों का समर्थन करता हूं। वृद्धि के लिए जुनून होना चाहिए और मैं डा. सेन के मॉडल का भी समान समर्थन करता हूं जो कहता है कि गरीबों के लिए सहानुभूति हो। उन्होंने कहा, मेरी राय में सेन के मॉडल से पूरक हुए बिना भगवती मॉडल कभी भी पूर्ण नहीं होगा। (एजेंसी)
First Published: Monday, July 29, 2013, 23:14