Last Updated: Sunday, October 2, 2011, 13:12
नई दिल्ली : पुरुषों के लिए सुरक्षित माने जाने वाली भारतीय सेना में पहली बार एक महिला जवान को शामिल किया गया है जो दो बच्चों की मां है। शारीरिक परीक्षण में अपने पुरुष समकक्षों को पीछे छोड़ते हुए 35 वर्षीय सैपर शांति तिग्गा को 969 रेलवे इंजीनियर रेजीमेंट ऑफ टेरिटोरियल आर्मी में शामिल किया गया है।
सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि महिलाओं को सशस्त्र बलों में सिर्फ गैर लड़ाकू इकाइयों में अधिकारी के तौर पर शामिल किए जाने की अनुमति है। लेकिन तिग्गा ने 13 लाख रक्षा बलों में पहली महिला जवान बनने का अनोखा गौरव हासिल किया है। उसने सभी शारीरिक परीक्षण में काफी बेहतर प्रदर्शन किया। उसने 1.5 किलोमीटर की दूरी तय करने में अपने पुरुष समकक्षों की तुलना में पांच सेकंड कम वक्त लिया। उसने 50 मीटर की दूरी 12 सेकंड में तय की जिसे उत्कृष्ट माना गया। भारतीय रेलवे में पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले में चालसा स्टेशन पर प्वाइंट्स मैन के तौर पर पदस्थापित तिग्गा ने पिछले टीए के लिए स्वयंसेवा दी थी। तिग्गा ने कहा कि मैं अपने पति की मृत्यु के बाद 2005 में अनुकंपा के आधार पर रेलवे में शामिल हुई। पिछले साल मुझे टीए रेलवे के बारे में जानकारी मिली और मैंने इसके लिए स्वयंसेवा दी। उस वक्त मुझे पता नहीं था कि अधिकारी स्तर से नीचे कार्मिक के तौर पर सेना में इससे पहले कोई महिला नहीं शामिल हुई थी, लेकिन वह शायद ही प्रतिरोधक था। भर्ती प्रशिक्षण शिविर के दौरान तिग्गा ने बंदूक को हैंडल करने के अपने कौशल से अपने प्रशिक्षकों को काफी प्रभावित किया और निशानेबाजों में सर्वोच्च स्थान हासिल किया।
एक अधिकारी ने कहा कि शारीरिक परीक्षण, ड्रिल और गोलीबारी समेत आरटीसी में समूचे प्रदर्शन में उसे सर्वश्रेष्ठ प्रशिक्षु आंका गया। तिग्गा ने कहा कि सेना में शामिल होने का उनका हमेशा से सपना था। उन्होंने कहा कि मेरे कुछ रिश्तेदार सशस्त्र बलों में पहले से कायर्रत थे और मैं सेना का हिस्सा बनने के लिए हमेशा उनसे प्रेरित होती रहती थी। मैंने शारीरिक परीक्षण में पास करने के लिए जीतोड़ तैयारी की। मैं जानती हूं कि सेना में पहली महिला जवान बनकर मैंने अपने परिवार को गौरवान्वित किया है।
(एजेंसी)
First Published: Sunday, October 2, 2011, 18:42