Last Updated: Sunday, January 20, 2013, 21:01

जयपुर : कांग्रेस में औपचारिक रूप से ‘नंबर-2’ की कुर्सी संभालने वाले राहुल गांधी न सिर्फ स्वयं बल्कि उनकी मां सोनिया गांधी भी बीती रात काफी भावुक हो उठीं और रो पडीं। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की बैठक में रविवार को राहुल ने परिवार के अंतरंग क्षणों को कांग्रेसजन से बांटते हुए कहा, ‘मैं कुछ भावुक बातें बताना चाहता हूं कि शनिवार को पार्टी का मुझे उपाध्यक्ष बनाए जाने के बाद मैं रात मेंसो नहीं पाया। सुबह चार बजे उठा और बालकनी में गया।’ उन्होंने कहा, ‘बड़ी जिम्मेदारी को महसूस कर रहा था। अंधेरा था और ठंड थी। मैंने फैसला किया कि मैं वह नहीं कहूंगा जो आप सुनना चाहते हैं।’
उन्होंने कहा कि जब वह छोटे थे तो बैडमिंटन पसंद करते थे क्योंकि वह संतुलन दिखाता है। दादी (इंदिरा गांधी) के सुरक्षाकर्मियों के साथ ‘मैं बैडमिन्टन खेलता था। एक दिन उन्होंने मेरी दादी को मार दिया और संतुलन हटा दिया। मेरे पिता बंगाल से आए, अस्पताल गए। अंधेरा था। लोग गुस्से में चिल्ला रहे थे। पिता को पहली बार मैंने रोते देखा।’ पिता राजीव गांधी के बारे में राहुल ने कहा कि वह सबसे बहादुर आदमियों में से थे लेकिन इंदिरा के निधन के समय वह खुद भी रो रहे थे। ‘उन्होंने (राजीव गांधी) राष्ट्र को संबोधन किया और दिन के उस अंधेरे में किरण जगी। बाद में देश को बदल दिया। उम्मीद के बिना देश नहीं बदलता।’
राहुल ने आगे कहा, ‘कल रात जब सबने मुझे बधाई दी...उपाध्यक्ष होने के लिए। रात में मेरी मां (सोनिया गांधी) मेरे कमरे में आयीं। पास बैठीं और रोने लगीं क्योंकि वह जानती हैं कि सत्ता जहर है।’ उन्होंने कहा कि हमें इस डर का ‘एंटीडोट (प्रतिरोधक)’ बनाना है। सत्ता सत्ता के लिए नहीं बल्कि दुनिया के सशक्तीकरण के लिए होनी चाहिए। ‘कांग्रेस मेरे लिए जीवन है। भारत और उसकी जनता मेरे लिए जीवन है। मैं देश की जनता और कांग्रेस के लिए लडूंगा और पूरी ताकत के साथ लडूंगा। इसके लिए मैं आप सबको भी आमंत्रित करता हूं।’ (एजेंसी)
First Published: Sunday, January 20, 2013, 21:01