Last Updated: Wednesday, May 1, 2013, 18:13

नई दिल्ली : सरकार ने आज भाजपा की वरिष्ठ नेता सुषमा स्वराज के इस आरोप को ‘पूर्णत: आधारहीन’ बताते हुए अस्वीकार कर दिया कि संपग्र अध्यक्ष सोनिया गांधी ने लोकसभा में उन्हें अपनी बात रखने में रूकावट डाली। वित्त मंत्री पी. चिदंबरम और सूचना एवं प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने यहां कहा कि लोकसभा में विपक्ष की नेता का कांग्रेस अध्यक्ष पर किया गया प्रहार ‘अनुचित’ और ‘विषाक्त’ है और इसकी निंदा होनी चाहिए।
चिदंबरम और तिवारी ने कहा कि सुषमा ने सोनिया पर जो आरोप लगाए हैं, उसकी लोकसभा की कार्यवाही की दृश्य रिकार्डिंग से पुष्टि नहीं होती और यह दुख की बात है कि उन्होंने ऐसे आरोप लगाए। वित्त मंत्री ने कहा, उन्हें अभी भी उम्मीद है कि लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार और संसदीय कार्य मंत्री कमलनाथ द्वारा बुलाई गई बैठकों के बहिष्कार के अपने निर्णय पर भाजपा पुनर्विचार करेगी ताकि 10 मई को बजट सत्र संपन्न होने से पहले लंबित विधायी कार्य पूरे किए जा सकें।
उन्होंने कहा, ‘मैं सदन में उपस्थित था और मेरे अन्य सहयोगी भी उस समय की संसद की कार्यवाही की रिकार्डिंग को बाद में कई चैनलों ने प्रसारित किया। ऐसा कोई दृश्य नहीं था जिसमें कांग्रेस अध्यक्ष ने सुषमा की बात में बाधा डाली या उन्हें बोलने से रोकने के लिए कुछ किया।’ चिदंबरम ने कहा, ‘आरोप पूरी तरह बेबुनियाद हैं और हम इसे अस्वीकार करते हैं। मैं नहीं समझता कि कांग्रेस ने कुछ किया ऐसे विषाक्त प्रहार अनुचित हैं। मुझे खेद है कि उन्होंने ऐसे आरोप लगाए।’
सुषमा ने मंगलवार को लोकसभा में अपने भाषण को बीच में रोक दिया था। उन्होंने आरोप लगाया है कि सोनिया ने उन्हें उनकी बात रखने से रोकने के लिए मंत्रियों को उकसाया था। तिवारी ने कहा, यह दुखद है कि सुषमा ने सोनिया पर व्यक्तिगत आरोप लगाए। इसे उन्होंने निंदनीय बताया। चिदंबरम ने कहा, बाद में सुषमा को भी विचार आया होगा कि उन्हें ऐसे आरोप नहीं लगाने चाहिए थे।
यह पूछे जाने पर कि विपक्ष से बने गतिरोध के कारण संसद की कार्यवाही ठप पड़ी है, ऐसे में प्रमुख आर्थिक सुधार क्या आगे बढ़ाए जा सकेंगे, वित्त मंत्री ने कहा, ‘मैंने अभी भी उम्मीद नहीं छोड़ी है। मुझे उम्मीद है कि विपक्ष संसद में लौटेगा और ये विधेयक पारित होंगे। हम ये विधेयक आगे बढ़ाने के लिए तैयार हैं।’ इन महत्वपूर्ण विधेयकों में खाद्य सुरक्षा विधेयक, भूमि अधिग्रहण विधेयक और बीमा विधेयक शामिल हैं।
संसद की कार्यवाही नहीं चल पाने को देखते हुए इनके पारित होने पर प्रश्नचिन्ह लग गए हैं। बजट सत्र 10 मई को संपन्न होना है। कानून मंत्री के इस्तीफे की विपक्ष की मांग पर चिदंबरम ने कहा कि प्रधानमंत्री पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि जो भी कार्रवाई करनी है वह उच्चतम न्यायालय की टिप्पणियों का अध्ययन करने के बाद की जाएगी। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, May 1, 2013, 18:13