सोनिया-मनमोहन भविष्य के लिए भी एक ‘आदर्श मॉडल’: कांग्रेस

सोनिया-मनमोहन भविष्य के लिए भी एक ‘आदर्श मॉडल’: कांग्रेस

सोनिया-मनमोहन भविष्य के लिए भी एक ‘आदर्श मॉडल’: कांग्रेसनई दिल्ली : कांग्रेस ने अपने महासचिव दिग्विजय सिंह की इस टिप्पणी को मंगलवार को खारिज कर दिया कि सत्ता के दो केंद्र का मॉडल ठीक से काम नहीं कर रहा और साथ ही कहा कि यह भविष्य के लिए भी एक ‘आदर्श मॉडल’ हो सकता है।

कांग्रेस महासचिव एवं पार्टी के मीडिया प्रभारी जनार्दन द्विवेदी ने यहां संवाददाताओं से कहा कि इस समय पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के बीच तालमेल बहुत अच्छा है और आम तौर पर ऐसा देखने को नहीं मिलता है। उन्होंने कहा कि उनके विचार से यह भविष्य के लिए भी एक आदर्श मॉडल है।

गौरतलब है कि दिग्विजय सिंह ने हाल ही में संप्रग में सत्ता के दो केंद्र के प्रयोग को नाकाम करार दिया था। उन्होंने सुझाव दिया था कि अगर अगले आम चुनाव में पार्टी को बहुमत मिलता है, तो राहुल गांधी द्वारा किसी को प्रधानमंत्री नामित नहीं किया जाना चाहिए। दिग्विजय ने कहा था कि व्यक्तिगत तौर पर मुझे लगता है कि यह मॉडल ठीक से काम नहीं कर पाया, क्योंकि सत्ता के दो केंद्र नहीं होने चाहिए और मुझे लगता है कि प्रधानमंत्री के पास ही कामकाज का अधिकार होना चाहिए।

प्रधानमंत्री पद के लिये कांग्रेस उम्मीदवार के नाम पर हालांकि आज भी स्थिति पूरी तरह स्पष्ट नहीं की गयी। जनार्दन द्विवेद्वी ने कहा कि राजनीतिक पार्टियां चुनाव लड़ने के बाद प्रधानमंत्री चुनती हैं। उन्होंने कहा कि आम तौर पर ऐसा देखा जाता है कि सरकार और पार्टी के बीच कुछ प्रत्यक्ष या परोक्ष तनाव की स्थिति बन जाती है। द्विवेद्वी ने कहा कि यहां (संप्रग में) पार्टी और सरकार लगातार सम्मान एवं आपसी तालमेल के साथ काम कर रही हैं। लोकतंत्र के लिये इससे अच्छी स्थिति और क्या हो सकती है?

उन्होंने कहा कि जहां तक प्रचार और नेतृत्व का सवाल है, तो पार्टी इस पर बाद में फैसला करेगी। उन्होंने कहा कि आज मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री हैं और सभी उन्हें स्वीकार करते हैं। कांग्रेस महासचिव ने कहा कि राहुल गांधी को कांग्रेस उपाध्यक्ष बनाए जाने के बाद उन्हें संगठन की जिम्मेदारी दी गई है। इसलिए पार्टी एवं संगठन को मजबूत बनाना उनकी प्राथमिकता है। उधर, नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि प्रधानमंत्री पद के मुद्दे पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के बयान का यह मतलब नहीं निकालना चाहिये की वह अपने तीसरे कार्यकाल की वकालत कर रहे हैं।

मनमोहन ने कुछ दिन पहले एक और कार्यकाल का प्रस्ताव मिलने की स्थिति में उनके रुख के बारे में पूछे जाने पर कहा था कि ये सब काल्पनिक सवाल हैं और उस स्थिति में पहुंचने के बाद इस मुद्दे पर फैसला होगा। (एजेंसी)

First Published: Tuesday, April 2, 2013, 22:32

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