स्वर्णिम शब्द दोहराए नहीं जाते: नीतीश

स्वर्णिम शब्द दोहराए नहीं जाते: नीतीश

स्वर्णिम शब्द दोहराए नहीं जाते: नीतीश
पटना : लोकसभा के 2014 के चुनावों में देश के प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार धर्मनिरपेक्ष छवि का होने संबंधी अपनी बात पर एक प्रकार से कायम रहते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को कहा कि स्वर्णिम शब्द दोहराए नहीं जाते।

उन्होंने कहा कि गोल्डेन वर्डस आर नाट रिपीटेड। नीतीश कुमार ने बीते दिनों जदयू की कार्यकारिणी की बैठक में भी कथित तौर पर सेकुलर छवि के व्यक्ति को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाने की जोरदार ढंग से वकालत की थी। उधर, नीतीश के इस बयान से एनडीए में मतभेद बढ़ गया है।

एक अंग्रेजी अखबार के साथ साक्षात्कार में दिए बयान पर एक प्रकार से कायम रहते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जो कहा जा चुका है सो बात निकल गई है। अब एक बात समझ लें गोल्डन वर्डस आर नाट रिपिटेड। कैबिनेट की बैठक के बाद संवाददाताओं के प्रश्नों के जवाब में उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के लिए जो योग्यता की बात कही थी वह एक इंटरव्यू में कही बात थी। यहां दोबारा इंटरव्यू देने की दरकार नहीं है । गोल्डेन वर्डस आर नाट रिपिटेड। अखबार में मुख्यमंत्री के साक्षात्कार के प्रकाशन के बाद बिहार में सत्तारूढ राजग में घमासान मचा हुआ है। नीतीश ने अपनी मांग को महत्वपूर्ण बात बताकर संकेत दिए हैं कि वह साक्षात्कार में कही गई बातों पर कायम हैं।

गौर हो कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि राजग का प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार ऐसा होना चाहिए जिसकी छवि धर्मनिरपेक्ष हो । उनके इस बयान को जहां गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी की संभावनाओं पर पानी फेरने वाला कहा जा सकता है, वहीं इससे भाजपा और जनता दल यूनाइटेड गठबंधन के बीच नया फसाद भी खड़ा हो सकता है।
राष्ट्रपति पद के चुनाव को लेकर भाजपा और जद यू गठबंधन के बीच पहले से ही मतभेद जारी हैं और ऐसे में नीतीश कुमार की टिप्पणी उनके सहयोगी दलों से बेमेल है। उन्होंने संकेत दिया कि प्रधानमंत्री पद के लिए भाजपा की पहली पसंद इस लायक नहीं है। लोकसभा चुनाव के बाद प्रधानमंत्री का चयन किए जाने के भाजपा के विचारों के विपरीत कुमार ने कहा कि राजग को अपना उम्मीदवार घोषित करना पड़ेगा।

मतदाताओं को पता होना चाहिए कि वे किसके लिए मतदान कर रहे हैं और कौन देश का नेतृत्व करेगा। राजग का नेता ऐसा होना चाहिए जो बिहार जैसे अविकसित राज्यों के लिए कोई अहसास रखता हो।

उधर, बिहार में सत्तारुढ़ दल जदयू ने भाजपा द्वारा किसी ‘सांप्रदायिक’ छवि के व्यक्ति को प्रधानमंत्री पद का राजग का अगला उम्मीदवार के रूप में प्रस्तुत करने की स्थिति होने पर गठबंधन तोड़ने की मंगलवार को धमकी दी।
गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर संकेत करते हुए जदयू के विधान पार्षद और नीतीश कुमार के करीबी देवेश चंद्र ठाकुर ने बातचीत में कहा कि जदयू अपनी धर्मनिरपेक्ष (सेकुलर) पहचान और विचारधारा से किसी प्रकार से समझौता नहीं करेगा। भाजपा द्वारा किसी सांप्रदायिक व्यक्ति को प्रधानमंत्री का उम्मीदवार के रूप में प्रस्तुत किए जाने की स्थिति में समझौता नहीं होगा। चाहे जो भी परिणाम हो। (एजेंसी)

First Published: Tuesday, June 19, 2012, 22:22

comments powered by Disqus