Last Updated: Wednesday, October 17, 2012, 13:52
नई दिल्ली: 2जी मामले की जांच कर रही संयुक्त संसदीय समिति की गुरुवार से होने जा रही बैठक में गवाह के तौर पर वित्त मंत्री पी चिदंबरम को बुलाने की मांग पर हंगामा होने के आसार हैं।
लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार द्वारा चिदंबरम को समिति के समक्ष बुलाने के मामले में हस्तक्षेप करने से इंकार कर देने पर कल की बैठक में यह मामला फिर उठेगा। इस मुद्दे को लेकर पी सी चाको की अध्यक्षता वाली जेपीसी में गहरा विभाजन है।
समिति में भाजपा के छह सदस्य प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और चिदंबरम को गवाह के तौर पर बुलाने के लिए जोर दे रहे हैं जबकि वाम दल और बसपा सिर्फ वित्त मंत्री को बुलाने के पक्ष में हैं। चाको ने प्रधानमंत्री को समिति के समक्ष बुलाने की मांग खारिज कर दी है।
जेपीसी की पिछली बैठक 11 अक्तूबर को हुई थी। इसमें समिति के भाजपा सदस्यों ने गवाहों की सूची को अंतिम रूप देने और प्रधानमंत्री तथा चिदंबरम को इसमें शामिल करने से चाको के इंकार के विरोध में बैठक का बहिष्कार किया था।
लोकसभा अध्यक्ष ने चाको से कहा है कि इस मुद्दे पर समिति पहले खुद कोई फैसला करे और अभी उनका हस्तक्षेप करना जल्दबाजी होगी।
टू जी मामले में प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री को जेपीसी में बतौर गवाह बुलाने की मांग पर जोर दे रही भाजपा का कहना है कि पैनल को इन्हें बुलाने के लिए संसदीय प्रक्रिया के नियमों में परिवर्तन करने का अधिकार है।
पूर्व वित्त मंत्री और जेपीसी के भाजपा सदस्य यशवंत सिन्हा ने चाको को पत्र लिख कर कहा है कि समिति विशेष प्रकृति की है और वह स्वयं नए मानक तय कर सकती है। ऐसा इसलिए जरूरी है क्योंकि टू जी मामले में प्रधानमंत्री ने कुछ फैसले किए थे जिनके बारे में केवल वही बता सकते हैं। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, October 17, 2012, 13:52