Last Updated: Saturday, November 5, 2011, 08:49
नई दिल्ली: अन्ना हजारे का ब्लॉग संभालने वाले एक व्यक्ति ने शनिवार को यह कह कर नया विवाद खड़ा कर दिया कि गांधीवादी कार्यकर्ता अपने साथियों अरविंद केजरीवाल, किरण बेदी और प्रशांत भूषण को कोर कमेटी से हटाने का मन बना चुके थे।
गौरतलब है कि हजारे से शुक्रवार को जब दिल्ली में संवाददाताओं ने पूछा था कि क्या उन्होंने अपने ब्लॉगर से कोर कमेटी भंग करने के बारे में कहा था तो हजारे ने जवाब दिया कि यह बातें हवा में हो रही हैं और उन्होंने इस तरह की कोई बात ब्लॉगर से नहीं की थी।
हजारे के इसी जवाब से जाहिर तौर पर आहत ब्लॉगर राजू परूलेकर ने शनिवार को हजारे के ब्लॉग पर 23 अक्तूबर का मराठी में लिखा गांधीवादी कार्यकर्ता का हस्तलिखित पत्र चस्पां कर दिया और अपनी टिप्पणियां डाल दीं। परूलेकर पिछले महीने से शुरू हुए हजारे के ब्लॉग का कामकाज संभाल रहे हैं।
उन्होंने हजारे के ब्लॉग पर अपनी टिप्पणियां लिखते हुए आरेाप लगाया, ‘23 अक्तूबर 2011 को दोपहर ढ़ाई बजे हजारे ने अपना लिखा ब्लॉग मुझे सौंपा। हजारे ने केजरीवाल, भूषण और बेदी से अलग होने का मन बना लिया था।’ उन्होंने दावा किया, ‘लेकिन अन्ना के सहयोगी सुरेश पठारे ने मुझे इन टिप्पणियों को ब्लॉग पर डालने से मना किया था।’
परूलेकर ने आगे आरोप लगाया कि केजरीवाल, प्रशांत और बेदी अलोकतांत्रिक और फासीवादी तरीके से काम कर रहे थे और अन्नाजी के विचारों का सम्मान नहीं कर रहे थे। उन्होंने दावा किया कि अन्नाजी काफी नाजुक हैं और हजारे की कोर कमेटी के सदस्य कुमार विश्वास के लिखे पत्र को टीम अन्ना ने अपने अनुरूप तोड़ा-मरोड़ा।
दिलचस्प बात यह है कि परूलेकर ने हजारे के तीन पृष्ठ के मराठी में लिखे जिस पत्र को ब्लॉग पर डाला है उसमें केजरीवाल, भूषण और बेदी के नाम का जिक्र नहीं है।
हजारे ने इस पत्र में लिखा है ‘मैं जल्दी ही कोर कमेटी की पुनर्संरचना करना चाहता हूं।’ हजारे ने लिखा है कि अपने आंदोलन के लिए वह कोई अध्यक्ष या सचिव नहीं चाहते। आंदोलन के लिए 100 स्वयं सेवक तैयार हैं।
अन्ना हजार ने इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि यह टीम अन्ना को बदनाम करने की साजिश है और वह अपने ब्लॉग को बंद कर देंगे।
(एजेंसी)
First Published: Saturday, November 5, 2011, 14:19