Last Updated: Monday, November 28, 2011, 10:07
नई दिल्ली : हाईकोर्ट ने उस जनहित याचिका पर सोमवार को केंद्र और मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई) से जवाब मांगा, जिसके तहत उन चिकित्सकों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू करने की मांग की गई थी जिन्होंने अपनी हड़ताल और प्रदर्शन के दौरान रोगियों का आपातकालीन उपचार करने से इनकार कर दिया था।
मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एसएच कपाड़िया के नेतृत्व वाली एक पीठ ने इस बात से सहमति जताई कि चिकित्सकों के प्रदर्शन के दौरान अस्पतालों में आपातकालीन सेवाएं बाधित नहीं होनी चाहिए।
पीठ ने सरकार, एमसीआई और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) को नोटिस जारी किया, जिसने हाल के वर्षों में कई हड़तालों का सामना किया है।
न्यायालय ने गैर सरकारी संगठन पीपुल फॉर बेटर ट्रीटमेंट की ओर से दायर की गई एक याचिका पर सुनवाई के दौरान यह आदेश जारी किया। याचिका में दलील दी गई थी कि न्यायालय को इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए क्योंकि हाल के महीनों में सरकारी अस्पतालों में चिकित्साकर्मियों के अचानक हड़ताल पर चले जाने से कई रोगियों की जान चली गई।
(एजेंसी)
First Published: Monday, November 28, 2011, 21:40