हम चूड़ियां पहनकर नहीं बैठे हैं: सेनाध्‍यक्ष बिक्रम सिंह

हम चूड़ियां पहनकर नहीं बैठे हैं: सेनाध्‍यक्ष बिक्रम सिंह

हम चूड़ियां पहनकर नहीं बैठे हैं: सेनाध्‍यक्ष बिक्रम सिंहज़ी न्‍यूज ब्‍यूरो

नई दिल्‍ली : पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री राजा परवेज अशरफ ख्‍वाजा की जियारत करने के लिए शनिवार को एक दिनी निजी दौरे पर भारत पहुंचे। अशरफ के दौरे के संबंध में जब सेना अध्‍यक्ष जनरल बिक्रम सिंह से पूछा गया तो उन्‍होंने कहा कि यदि सीमा पर उल्‍लंघन हुआ तो इसका मुंहतोड़ जवाब देंगे। हमने अपनी भावनाएं सरकार को बता दी हैं।
उन्‍होंने कहा कि पाक पीएम के दौरे पर सरकार को फैसला लेने दीजिए।

गौर हो कि बीते माह कश्‍मीर में पाक से सटे नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर दो भारतीय जवानों के सिर पाकिस्‍तानी सैनिकों द्वारा काटे जाने की घटना के बाद दोनों देशों के बीच तनाव काफी बढ़ गया था।

सिंह ने यहां संवाददाताओं से कहा कि यह (पाक प्रधानमंत्री की यात्रा) एक राजनीतिक निर्णय है, हमें इसको मुद्दा नहीं बनाना चाहिए। सरकार को निर्णय करने दी दीजिए। सेना प्रमुख के तौर मैं कोई टिप्पणी नहीं करना चाहूंगा। सेना प्रमुख से अशरफ की यात्रा पर टिप्पणी करने को कहा गया था।

बहरहाल, उन्होंने कहा कि भारतीय सेना ने केन्द्र को संघषर्विराम उल्लंघन तथा जनवरी में पाकिस्तानी सेना द्वारा एक भारतीय सैनिक का सिर काटने एवं एक अन्य सैनिक की नृशंस हत्या करने के मुद्दे पर पहले ही अपनी चिंता से अवगत करा दिया था।

एक कार्यक्रम में यहां भाग लेने आए सिंह ने कहा कि उस समय हमने अपनी चिंता जतायी थी.हमने अपनी भावनाओं का इजहार किया (केन्द्र से)। उन्होंने कहा कि भारतीय सेना पाकिस्तानी सैनिकों द्वारा किए जा रहे किसी भी संघषर्विराम उल्लंघन का ‘माकूल’ जवाब देती है।

जनरल सिंह ने कहा कि यदि वे (पाक सैनिक) संघषर्विराम करते हैं, हम भी चूड़ियां पहनकर नहीं बैठे हैं। हमारे जवान भी गोलीबारी करते हैं। यह काम रणनीतिक स्तर पर किया जाता है और ऐसा होता है।

सेना प्रमुख ने ध्यान दिलाया, इस कार्रवाई (संघर्ष विराम उल्लंघन पर प्रतिक्रिया) को निचले स्तर पर देखा जाता है ओर सेना प्रमुख के स्तर पर निर्णय नहीं किया जाता। चीन द्वारा तिब्बत में सड़कों के जाल को मजबूत करने पर उन्होंने कहा कि भारत भी अपनी भूमि पर आधारभूत ढांचे का विकास कर रहा है। जनरल सिंह ने कहा कि चीन अपने क्षेत्र में विकास कर रहा है और हम भी अपने क्षेत्र में कर रहे हैं। आधारभूत ढांचे का विकास एक सतत प्रक्रिया है। हर देश इसे करता है।

इससे पूर्व कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने पूर्व सैन्यकर्मियों से कहा कि एक अनुशासित बल का सदस्य रह चुकने के कारण उन्हें गैर राजनीतिक बने रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि मैं चाहता हूं कि हमारे पूर्व सैनिकों की एसोसिएशनों का राजनीतिकरण नहीं हो। हमें अनुशासित रहने की जरूरत है। मुझे देखने को मिल रहा है कि पूर्व सैनिकों की एसोसिएशन राजनीतिक हो रही है। ऐसा नहीं होना चाहिए। हम तटस्थ हैं और यह महत्वपूर्ण भी है। सेना प्रमुख ने कहा कि सरकार युद्ध के नायकों और पूर्व सैनिकों की मांगों को लेकर संवेदनशील हैं। पूर्व सैन्यकर्मियों के लिए चिकित्सा सुविधाओं को मजबूत करने पर जोर दिया जा रहा है।

एक रैंक एक पेंशन के मामले में उन्होंने कहा कि सरकार सैन्य कर्मियों की आकांक्षाओं की प्रतिबद्धताओं को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है।

First Published: Saturday, March 9, 2013, 15:12

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