Last Updated: Friday, January 25, 2013, 09:19
जयपुर : यहां आयोजित हो रहे साहित्य महोत्सव में हिस्सा लेने आए पाकिस्तानी लेखकों एम.ए. फारूकी और जमील अहमद ने गुरुवार को कहा कि वे लोग यहां दोस्त बनाने के लिए आए हुए हैं। लाहौर में रहने वाले ख्यात उपन्यासकार फारूकी ने जम्मू एवं कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तानी सैनिकों द्वारा दो भारतीय जवानों की हत्या किए जाने की ओर इशारा करते हुए कहा कि हाल की त्रासद घटना को लेकर यदि भारत में यह भावना है कि पाकिस्तानी लेखकों को यहां नहीं होना चाहिए तो मैं उस भावना से सहमत हूं।
`मिट्टी और खाक के बीच` और `बेवा की कहानी` जैसे मशहूर उपन्यासों के रचयिता फारूकी ने कहा कि मैं साहित्य के बारे में परवाह नहीं करता। मैं लोगों और उनके अहसासात की कद्र करता हूं। मैं यहां दोस्त बनाने के लिए हूं। संवाददाताओं से बातचीत में उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तानी प्रतिनिधियों के भारत आने पर कोई विवाद नहीं है। सभी को वीजा दिया गया।
उनके साथ आए जमील अहमद रिटायर प्रशासक हैं और उनकी सबसे प्रसिद्ध कृति `भटका हुआ बाज` है। जमील का जन्म विभाजन से पहले पंजाब में हुआ था। जहां उनका जन्म हुआ था वह हिस्सा अब भारत में है। भारत में पाकिस्तान विरोधी प्रदर्शन के बारे में पूछे जाने पर जमील ने कहा कि ठीक ऐसी ही भावना वहां भी है। उन्होंने कहा कि लेकिन मैं यह भी महसूस करता हूं कि जब दोनों देशों के लोग मिलते हैं तो दोस्ती का अहसास भी होता है। (एजेंसी)
First Published: Friday, January 25, 2013, 09:19