Last Updated: Thursday, August 16, 2012, 23:49

बेंगलूरु: कर्नाटक सरकार की ओर से सुरक्षा के तमाम आश्वासनों के बावजूद गुरुवार को दूसरे दिन भी पूर्वोत्तर राज्यों के हजारों लोगों का बेंगलूर से पलायन जारी रहा। दूसरी ओर प्रधानमंत्री ने लोगों से सतर्क रहने की अपील करते हुए कहा है कि देश में किसी भी कीमत पर शांति बरकरार रखनी होगी।
गौरतलब है कि असम में हुई हिंसा के बाद अन्य राज्यों में रह रहे पूर्वोत्तर राज्यों के लोगों पर हमलों की अफवाहों के कारण बुधवार से अब तक इन राज्यों के लगभग छह हजार 800 लोग बेंगलूर से पलायन कर गए।
राज्य के मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टार ने अपने आवास पर पूर्वोत्तर राज्यों के लोगों के प्रतिनिधियों से कहा कि घबराने की कोई जरूरत नहीं है। पूरी सरकार आपके साथ है। हम पूर्वोत्तर के लोगों के हितों की रक्षा करेंगे।
शेट्टार ने एक उच्च-स्तरीय बैठक के बाद संवाददाताओं से बातचीत के दौरान इस बात को स्वीकार किया कि इस क्षेत्र के लोगों के साथ कुछ छिटपुट घटनाएं हुई हैं, लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि पुलिस कोई शिकायत दर्ज नहीं कराए जाने के कारण कार्रवाई नहीं कर सकी।
अफवाहों से पैदा हुए खौफ ने असम के कोकराझार जिले से ताल्लुक रखने वाले इंजीनियरिंग छात्र दिसेन बसुमतारी की ही तरह बहुत से पूर्वोत्तर निवासियों को यह शहर छोड़ने को मजबूर कर दिया है। शहर में रहने वाले पूर्वोत्तर निवासी अपने घर लौटने को इस कदर बेताब हैं कि आधी रात को जाने वाली बेंगलूर-गुवाहाटी एक्सप्रेस ट्रेन में सवार होने के लिए वे तड़के से ही रेलवे स्टेशन पर जमे हुए हैं।
पूर्वोत्तर के लोगों में ऐसा खौफ समाया है कि उन्हें शहर में स्थित अपने अस्थाई ठिकाने से ज्यादा महफूज जगह रेलवे स्टेशन ही नजर आ रहा है। तड़के पांच बजे स्टेशन पर पहुंच चुके दिसेन ने बताया कि हम उस वक्त से घबराए हुए हैं जब से यह अफवाह फैली है कि हमारे समुदाय को निशाना बनाया जाएगा। दिसेन अपने तीन दोस्तों के साथ कोकराझार का रुख करने वाले हैं। पूर्वोत्तर राज्यों के लोगों को निशाना बनाए जाने की अफवाह फैलने के बाद बुधवार को घबड़ाहट में उस क्षेत्र के करीब 5000 लोगों ने बेंगलूरु छोड़ दिया।
इन छिटपुट घटनाओं के बारे में पूछे जाने पर राज्य के उपमुख्यमंत्री और गृह मंत्री आर. अशोक ने कहा कि यह एक ‘संवेदशील मुद्दा’ है और मुंबई, पुणे, चेन्नई एवं हैदराबाद के साथ साथ पूरे देश से जुड़ा है इसलिए इसे हल्के में नहीं लिया जा सकता। उपमुख्यमंत्री आर अशोक ने कहा कि पूर्वोत्तर राज्यों के छह हजार 800 लोग कल रात विशेष ट्रेनों से बेंगलूर छोड़ कर चले गए।
उधर, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में केंद्र सरकार ने कहा कि देश के किसी भी क्षेत्र में रहने वाले पूर्वोत्तर राज्यों के किसी भी व्यक्ति पर कोई खतरा नहीं है। साथ ही केंद्र ने ऐसी अफवाह फैलाने वाले लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की भी चेतावनी दी। गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे ने संवाददाताओं से कहा कि यदि अफवाहें फैलाई जाती हैं तो इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। शिंदे ने कहा कि कर्नाटक छोड़ने की इच्छा रखने वाले लोगों की मदद के लिए असम के लिए विशेष ट्रेनों का इंतजाम किया गया है। गृह मंत्री ने आश्वस्त किया कि राज्य में स्थिति शांतिपूर्ण है।
देश के अन्य हिस्सों में पूर्वोत्तर के लोगों पर हमलों की खबरों पर अपनी प्रतिक्रिया में गृह सचिव आरके सिंह ने दिल्ली में कहा कि देश के किसी भी हिस्से में पूर्वोत्तर राज्यों के लोगों को कोई भी खतरा नहीं है। राज्य के उपमुख्यमंत्री अशोक ने बताया कि अफवाह फैलाने वाले लोगों की पहचान के लिए जांच शुरू की गई है। उन्होंने कहा कि अफवाह कौन फैला रहा है, इसके लिए पहचान की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। विभिन्न कारणों से हम इसका खुलासा नहीं करना चाहते।
मुख्यमंत्री शेट्टार ने पूर्वोत्तर राज्यों के लोगों से संबंधित लोगों के मुद्दों पर ध्यान देने के लिए एक हेल्पलाइन और नोडल अधिकारियों को नियुक्त करने की घोषणा की। उपमुख्यमंत्री अशोक ने बताया कि पुलिस ने उन इलाकों में गश्त लगानी शुरू कर दी है जहां पूर्वोत्तर राज्यों के लोग बड़ी संख्या में रहते हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस को उन लोगों के सामान की भी सुरक्षा करने के निर्देश दिए गए हैं, जो घबरा कर अपना घर छोड़ कर चले गए हैं।
उन्होंने कहा कि मैं पूर्वोत्तर की मीडिया से अपुष्ट खबरों को नहीं मानने की गुजारिश करता हूं जिससे डर पैदा हो सकता है। शेट्टार ने कहा कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, लोकसभा और राज्यसभा में क्रमश: विपक्ष के नेता सुषमा स्वराज और अरुण जेटली, असम के मुख्यमंत्री तरुण गोगोई और अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री नबान टुकी ने उनसे फोन पर इस मामले पर बात की। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने उन लोगों को आश्वासन दिया है कि राज्य सरकार पूरा ध्यान दे रही है और एहतियाती कदम उठा रही है।
राज्य के पुलिस महानिदेशक लालरोखुमा पचुआउ (जो खुद मिजोरम से हैं) ने कहा कि राज्य में पूर्वोत्तर राज्यों के लोगों से मारपीट या धमकी का एक भी मामला सामने नहीं आया है। उधर, आज राज्य के कानून मंत्री सुरेश कुमार ने रेलवे स्टेशन पर जा कर लोगों से शहर नहीं छोड़ने की अपील की। उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर के लोगों पर हमले की कोई घटना नहीं हुई है। (एजेंसी)
First Published: Thursday, August 16, 2012, 17:43