हमें कालाधन वापस लाने वाला पीएम चाहिए: रामदेव

हमें कालाधन वापस लाने वाला पीएम चाहिए: रामदेव

हमें कालाधन वापस लाने वाला पीएम चाहिए: रामदेवपटना : बाबा रामदेव ने आज कहा कि हमें कालाधन वापस लाने वाला, भ्रष्टाचार मिटाने वाला और भ्रष्ट व्यवस्था को बदलने वाला प्रधानमंत्री चाहिए भले ही वह कट्टर हिंदू, मुसलमान या ईसाई ही हो।

पटना में आज एक योग शिविर में भाग लेने के बाद आयोजित संवाददाता सम्मेलन में गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी या बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को देश का अगला प्रधानमंत्री के रूप में पसंद करने संबन्धी एक प्रश्न पर रामदेव ने कहा कि चाहे वह कट्टर हिंदू, मुसलमान या ईसाई ही क्यों न हो, हमें अपने देश को न्याय दिलाने वाला प्रधानमंत्री चाहिए।

उन्होंने कहा कि हिंदू, मुसलमान, सिख या ईसाई और कट्टरपंथी या उदारवादी हो हमें उससे कोई मतलब नहीं, देश का प्रधानमंत्री ऐसा होना चाहिए जो कालाधन वापस दिलाए, इस पूंजीवादी एवं साम्राज्यवादी व्यवस्था को बदले, वही श्रेष्ठ प्रधानमंत्री होगा। रामदेव ने कहा कि हमें कालाधन को वापस लाने वाला, भ्रष्टाचार मिटाने वाला और भ्रष्ट व्यवस्था को बदलने वाला प्रधानमंत्री चाहिए।

उन्होंने कहा कि आम आदमी की आवाज को पहले तो कोई उठाने वाला नहीं होता और कोई आवाज उठाता है तो उसे देश-द्रोही करार दिया जाता है और इसी कारण से देश के भीतर हम आज देशद्रोही हैं क्योंकि हम देश के हित की आवाज उठाते हैं।

रामदेव ने कहा कि देश के लोगों को आर्थिक एवं सामाजिक न्याय दिलाने के लिए, भ्रष्टवादी एवं अन्यायपूर्ण व्यवस्था के खिलाफ देश में एक न्यायपूर्ण व्यवस्था कायम करने के लिए आगामी 9 अगस्त से दिल्ली में एक आंदोलन की शुरूआत की जायेगी।

योग गुरू बाबा रामदेव ने कहा कि इसमें बिहार से भी एक लाख से अधिक लोगों की सामूहिक भागीदारी होगी क्योंकि जब-जब देश में कोई बडी क्रांति हुई है बिहार ने उसमें बडी भूमिका निभाई है, चाहे वह देश में आजादी का आंदोलन हो या फिर लोकनायक जयप्रकाश का आंदोलन हो।

उन्होंने कहा कि पहले सरकार उनके तीन मुद्दों देश-विदेश में जमा 400 लाख करोड रूपये कालाधन को देश को दिलाने, भ्रष्टाचार को मिटाने, साम्राज्यवादी, अन्यायपूर्ण भ्रष्ट व्यवस्था का परिवर्तन करके न्यायपूर्ण मानवतावादी व्यवस्था स्थापित करने पर कार्रवाई करे। यदि ऐसा नहीं हुआ तो दूसरे चरण में आंदोलन बहिष्कार का होगा तथा यह 9 अगस्त से शुरू होकर अगले लोकसभा चुनाव तक चलेगा।

नौ अगस्त के आंदोलन में अन्ना हजारे के उनके साथ होने के बारे में पूछे जाने पर रामदेव ने कहा कि हमारे साथ अन्ना हैं और इसमें कोई मतभेद नहीं। इस बारे में वे दोनों सैकडों बार बयान दे चुके हैं तथा अन्ना 9 अगस्त को हमारे साथ दिल्ली में होंगे।

टाइम्स मैगजीन द्वारा प्रधानमंत्री को उम्मीद से कम सफलता हासिल करने वाला बताए जाने का जिक्र करते हुए रामदेव ने कहा कि वह इसके एक पक्ष से वह सहमत हैं पर दूसरे पक्ष से नहीं और यह इसलिए नहीं हो कि विदेशी ताकतें फिर यह कहे कि प्रधानमंत्री के तहत देश के अंदर आर्थिक विकास की दर धीमी पड गयी है।

कोयला घोटाला को लेकर पूछे गए एक प्रश्न का उत्तर देते हुए योग गुरू कहा कि घोटाला हुआ है यह सत्य है और इसके लिए केंद्र में सत्तासीन लोग कैग को दोषी बताएंगे ही क्योंकि उनके पाप जो सामने आ रहे हैं।

उन्होंने नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक विनोद राय को पूर्व मुख्य चुनाव अधिकारी टीएन शेषन की तरह ईमानदार व्यक्ति बताते हुए कहा कि उस आदमी ने अपने ईमान को बेचा नहीं।

बाबा रामदेव ने कहा कि चाहे वह कपिल सिब्बल या केंद्र के कोई अन्य मंत्री हों और यहां तक की प्रधानमंत्री ने भी एकबार टिप्पणी कर दी कैग को अपनी हद में रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के अधिनस्थ मंत्रालय में कोयला घोटाला हो जाने पर उसकी जिम्मेवारी कौन लेगा, प्रधानमंत्री केवल दुनिया में सम्मान पाने के लिए नहीं होता, टैक्स के रूप में दिए जाने वाले लोगों के खून-पसीने की कमाई विशेष विमान में केवल उनके सैर-सपाटा के लिए नहीं होता है इसलिए देश की जितनी भी दुर्दशा है उसकी भी नैतिकता के आधार पर जिम्मेवारी प्रधानमंत्री को लेनी होगी।

रामदेव ने कहा कि देश का विकास लोगों के टैक्स के पैसे और उनकी मेहनत से होता है, कहते हैं कि हमने विकास किया तो विनाश किसने किया इसलिए प्रधानमंत्री के अधिनस्थ मंत्रालयों में जो लूट एवं घोटाले हुए हैं उसकी जिम्मेवारी उन्हें लेनी होगी तथा जिन कंपनियों को उन्होंने फायदा पहुंचाया है उससे राशि की वसूली करनी होगी।

रामदेव ने कहा कि पहले पहल कहा गया कि देश के प्रधानमंत्री की कुर्सी पर बहुत बडा अर्थशास्त्री आया है, ऐसा अर्थशास्त्र चला कि देश का बेडागर्क़ हो गया। रामदेव ने कहा कि जो प्रधानमंत्री कालाधन को वापस दिलाए, इस पूंजीवादी एवं साम्राज्यवादी व्यवस्था को बदले वह ही श्रेष्ठ प्रधानमंत्री होगा।

अगले लोकसभा चुनाव में उनकी भूमिका को लेकर पूछे गए एक प्रश्न का उत्तर देते हुए योग गुरू ने कहा कि हमारी भूमिका यह होगी कि अगर इस सरकार ने सही दिशा में काम नहीं किया तो इसका पूरे देश के भीतर सामाजिक एवं राजनीतिक बहिष्कार करेंगे।

उन्होंने कहा कि जो भी राजनीतिक दल और सांसद हमारे मुद्दों का समर्थन नहीं करेंगे उनका राजनीतिक एवं सामाजिक बहिष्कार करेंगे और इससे भारतीय राजनीति का पुनर्जन्म होगा।

योग गुरू ने कहा कि राजनीतिक बहिष्कार में उन्हें वोट नहीं देना और सामाजिक बहिष्कार में उनकी सभाओं में नहीं जाना और उन्हें अपने इलाके में नहीं घुसने देना तथा उन्हें अपने किसी भी तरह के कार्यक्रमों में नहीं बुलाना शामिल हैं।

रामदेव ने कहा कि हम ग्राम सभा से लेकर सांसदों से समर्थन पत्र भी ले रहे हैं और यहां अभी दस से ज्यादा सांसदों ने हमारे अभियान के सहमति पत्र पर हस्ताक्षर कर दिये हैं। उन्होंने कहा कि जो इस सहमति पत्र पर हस्ताक्षर नहीं करेंगे उनका भी भेद खोलेंगे। उन्होंने कहा कि यही नहीं संप्रग के कुछ दल भी हमारे समर्थन में उतर आए हैं।

यह पूछे जाने पर कि नौ अगस्त को होने वाले उनके आंदोलन की परिणति उनके पूर्व के रामलीला मैदान वाले आंदोलन की तरह नहीं होगा इसपर रामदेव ने कहा ‘उनकी ऐसी हिम्मत नहीं होगी’। उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय के जो भी निर्णय आए हैं वह उनके पक्ष में हैं हमने कोई गैर-कानूनी काम नहीं किया था।

उनसे पूछा गया कि आप देश में परिवर्तन लाने के लिये आंदोलन कर रहे हैं और राजद सुप्रीमों लालू प्रसाद बिहार में परिवर्तन लाने के लिए इन दिनों बिहार के विभिन्न जिलों का दौरा कर रहे हैं । इस पर रामदेव ने कहा कि उनके बारे में हम कोई टिप्पणी इसलिए नहीं करना चाहते क्योंकि हमारा आंदोलन किसी व्यक्ति विशेष के लिये नहीं वरन् एक गलत व्यवस्था के खिलाफ है, हमारा आंदोलन मुद्दों के लिए है, हम मुद्दों से ध्यान भटकाना नहीं चाहते हैं।

यह पूछे जाने कि भ्रष्टचार केंद्र में नहीं बल्कि राज्य स्तर पर व्याप्त है उन्होंने सहमति जताते हुए कहा कि हमने अपनी यात्रा गंगोत्री से शुरू की है जो कि घाटों पर भी आएगी, पहले गंगोत्री को शुद्ध कर लेने दीजिए।

उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था की मुख्य जिम्मेदारी केंद्र सरकार की होती है, नीतीश जी नोट नहीं छापते नोट छापता है हमारे प्रधानमंत्री जी के अधीन वित्त मंत्रालय के निर्देश पर भारतीय रिजर्व बैंक।

रामदेव ने कहा कि अर्थ-व्यवस्था एवं आर्थिक नीतियां और कर प्रणाली सारा ताना-बाना केंद्र सरकार निर्धारित करती है इसलिए उसके लिए 99 प्रतिशत जिम्मेदार वही है।

केंद्रीय गृहमंत्री पी चिदम्बरम और छत्तीसगढ की सरकार पर मिलकर वहां के लोगों को माओवादी बताकर मारे जाने का आरोप लगाते हुए देश में नक्सलवाद-माओवाद का आंदोलन इसलिए बढ रहा है क्योंकि लोगों को जमीनों से बेदखल किया जा रहा है। (एजेंसी)

First Published: Sunday, July 8, 2012, 22:42

comments powered by Disqus