Last Updated: Wednesday, August 17, 2011, 12:12

नई दिल्ली। दिल्ली या यूं कहें कि पूरे देश में राष्ट्र ध्वज और गांधी टोपी की बिक्री में जबरदस्त उछाल आया है. वजह है अन्ना का आंदोलन. अपनी अनशन पर अड़े इस 72 साल के गांधीवादी नेता के राष्ट्रीय मुहिम में शामिल सभी वर्ग के लोग तिरंगा और गांधी टोपी को हांथों हांथ ले रहे हैं.
इतने दिनों बाद गांधी टोपी को फिर राष्ट्रीय भावना का प्रतीक बनाना अन्ना के जादू के अलावा क्या कहा जा सकता है. स्थानीय बाजारों में इन टोपियों की धूम मची हुई है. तिरंगा बनाने वाले दर्जियों की भी चल पड़ी है और उनके कारोबार में काफी उछाल आया है.
अभी स्वतंत्रता दिवस को बीते दो दिन हो गए हैं मगर तिरंगा झंडा और टोपी का बाजार चलता जा रहा है. चुनाव प्रचार सामग्री बेचने वाले लोग बता रहे हैं कि गांधी टोपियों की बिक्री यहां आमतौर पर चुनावों और क्षेत्र में होने वाली शादियों के मौसम में रफ्तार पकड़ती है. फिलहाल यह मौसम नहीं है, बावजूद इसके बाद टोपियों की मांग खासी बढ़ गयी है.
जानकारों के अनुसार, सार्वजनिक तौर पर हमेशा गांधी टोपी पहने दिखने वाले अन्ना ने इस टोपी को नये सिरे से परिभाषित करते हुए राजनीतिक सीमाओं के पार पहुंचा दिया है. वहीं तिरंगा को राष्ट्रीय प्रतीक के रूप में स्वतंत्रता संग्राम के समय से ही लोगों के हाथों में रहा है.
First Published: Wednesday, August 17, 2011, 18:20