हाईकोर्ट ब्‍लास्‍ट केस में आरोपपत्र दायर - Zee News हिंदी

हाईकोर्ट ब्‍लास्‍ट केस में आरोपपत्र दायर



नई दिल्ली : राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने सात सितंबर 2011 को दिल्ली हाईकोर्ट परिसर विस्फोट मामले में यहां की एक अदालत में छह लोगों के खिलाफ मंगलवार को आरोपपत्र दायर किया। विस्फोट में 17 लोग मारे गए थे और 90 से ज्यादा घायल हो गए थे। जांच एजेंसी ने जिला न्यायाधीश एचएस शर्मा की अदालत में बंद कमरे में 1062 पन्नों का आरोपपत्र पेश किया। अमीर अब्बास देव, वसीम अकरम मलिक और एक नाबालिग के अलावा तीन अन्य लोगों के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया गया।

 

अदालत के सूत्रों के मुताबिक एनआईए ने कहा कि तीन गिरफ्तार आरोपियों के अलावा आरोपपत्र में जुनैद मलिक, अमीर कमाल और छोटा हफीज का नाम आरोपियों के तौर पर शामिल है। सूत्रों ने कहा कि एनआईए ने अदालत से कहा कि उन्होंने तीन आरोपियों को भगोड़ा घोषित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। मामले में कथित भूमिका के लिए गिरफ्तार देव और वसीम गिरफ्तारी के बाद से ही जेल में बंद हैं।

 

एनआईए ने वसीम को उच्च न्यायालय के द्वार संख्या पांच के नजदीक विस्फोट के षड्यंत्र में ‘मुख्य कड़ी’ बताया है। एनआईए के मुताबिक हिज्बुल मुजाहिदीन के मॉड्यूल अजहर अली ने वसीम के बारे में सूचना दी थी। अली जम्मू के कोटबलवाल जेल में वर्ष 2009 से ही बंद है। जांच के दौरान एनआईए ने वसीम के जम्मू और किश्तवाड़ आवासों से तीन मोबाइल फोन बरामद किए थे। वसीम बांग्लादेश में यूनानी चिकित्सा की पढ़ाई कर रहा था।

 

जम्मू-कश्मीर के रहने वाले देव को पिछले वर्ष 16 सितंबर को एनआईए ने गिरफ्तार किया था। उसने विस्फोट के बाद मीडिया समूहों को धमकी भरे ईमेल भेजे जिसके बाद उसे गिरफ्तार किया गया । इससे पहले एक मजिस्ट्रेट ने सीआरपीसी की धारा 164 के तहत देव का बंद कमरे में बयान दर्ज किया था। सीआरपीसी की धारा 164 के तहत किसी आरोपी का मजिस्ट्रेट द्वारा बयान दर्ज करने के बाद वह सुनवाई के दौरान अपने बयान से नहीं पलट सकता और अगर वह बयान से पलटता है तो उसके खिलाफ अभियोग चल सकता है।

(एजेंसी)

First Published: Tuesday, March 13, 2012, 16:44

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