Last Updated: Tuesday, February 12, 2013, 11:21
ज़ी न्यूज ब्यूरोनई दिल्ली: संसद हमले के दोषी अफजल गुरु को फांसी दिए जाने के बाद पाक में हुई शोकसभा में मोस्ट वांटेड आतंकी हाफिज सईद के अलगाववादी नेता यासीन मलिक के दिखने पर सरकार के तेवर सख्त है।
इस वीडियो के सामने आते ही यासीन मलिक पर सरकार की नजर भी टेढ़ी हो गई है। केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर के अलगाववादी नेता यासीन मलिक और लश्कर-ए-तैयबा के चीफ हाफिज़ सईद की मुलाकात को गंभीरता से ले रही है। यासीन की देश वापसी के बाद सुरक्षा एजेंसियां उनसे पूछताछ करने की तैयारी कर रही हैं। यही नहीं यासीन मलिक के पासपोर्ट रद्द करने पर भी केंद्र सरकार विचार कर रही है।
यासीन मलिक कश्मीर के प्रमुख अलगाववादी नेता हैं और अक्सर पाकिस्तान जाते रहते हैं। मलिक आजाद कश्मीर की आवाज उठाते रहे हैं और इसे लेकर पाकिस्तान का भी खुला समर्थन करते रहे हैं। लेकिन ये पहला मौका है जब उन्हें आतंकी हाफिज सईद के साथ देखा गया है।
गृह मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि जम्मू एवं कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के अध्यक्ष यासिन मलिक की इस्लामाबाद में हाफिज सईद के साथ एक मंच पर मौजूदगी की वह जांच कराएगा। सईद मुंबई हमले का मास्टरमाइंड और लश्कर-ए-तैयबा का सरगना है।
वहीं, इस पूरे मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने कहा, ‘यदि कोई (यासिन मलिक) हाफिज सईद के साथ एक मंच पर मौजूद होता है तो यह चिंता का विषय है। इस मामले की जांच कराई जाएगी।
First Published: Tuesday, February 12, 2013, 11:21