Last Updated: Friday, November 2, 2012, 12:54
नई दिल्ली: रक्षा विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि हाल ही में अपने पहले विमानवाहक पोत को नौसेना में शामिल करने वाला चीन अपने ‘स्ट्रिंग ऑफ पर्ल्स’ (मोतियों की माला) नीति के तहत भारत को चौतरफा घेरने की तैयारी कर रहा है और इससे निपटने के लिये हमें अपनी नौसेना में विमानवाहक पोतों की संख्या बढ़ानी होगी और नौसेना का तेजी से आधुनिकीकरण करना होगा ।
इंडियन डिफेंस रिव्यू के संपादक और रक्षा मामलों के विशेषज्ञ भरत वर्मा ने कहा, ‘प्राचीन काल से ही चीन अपने दुश्मन से सीधा युद्ध करने के बजाय उसके पड़ोसियों से दोस्ती गांठने पर विश्वास करता रहा है। चीन बिना एक भी गोली चलाये युद्ध जीतने में माहिर है ।’
उन्होंने कहा, ‘जहां तक भारत की बात है तो चीन ने भारत से निपटने के लिये आर्थिक और राजनीतिक दोनों ही तरीकों से पाकिस्तान, नेपाल और अब श्रीलंका में अत्यधिक निवेश किया है । चीन एक लंबी अवधि की रणनीति का अनुसरण कर रहा है जिसके तहत वह भूटान को भी भारतीय प्रभाव से निकालने का प्रयास कर रहा है ।’
कैप्टन (सेवानिवृत्त) वर्मा ने कहा, ‘इसी दौरान चीन, पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई की मदद से भारत के पूर्वोत्तर इलाके में सक्रिय उग्रवादियों को हथियार, धन और प्रशिक्षण मुहैया करा रहा है ।’
रक्षा मामलों के जानकार डाक्टर रहीस सिंह ने बताया कि चीन की मोतियों की माला नीति हिंद महासागर में भारत को घेरने की नीति है । इसके तहत चीन, भारत के आस पास के देशों में अपने सैन्य अड्डे विकसित कर रहा है । चीन बांग्लादेश में चटगांव, श्रीलंका में हंबनटोटा, म्यामां में सिप्तवे और इसी तरह मालदीव, थाइलैंड तथा कबोडिया में सैन्य अड्डे विकसित कर रहा है । (एजेंसी)
First Published: Friday, November 2, 2012, 11:40