Last Updated: Thursday, September 27, 2012, 13:40

श्रीनगर: राष्ट्रपति के रूप में कश्मीर की पहली यात्रा पर प्रणब मुखर्जी ने कहा कि हिंसा से कभी भी किसी समस्या का समाधान नहीं निकला और घाव पर मरहम लगाने की प्रक्रिया को प्यार, सहानुभूति और संयम से आगे बढाने तथा अन्य महत्वपूर्ण विषयों का तेजी से समाधान निकालने की जरूरत है।
समाज में सहिष्णुता की अत्यधिक जरूरत पर जोर देते हुए प्रणब ने कहा कि शिकायतें हो सकती है और कई अहम विषयों से निपटने और तेजी से उनका समाधान निकाले जाने की जरूरत है।
कश्मीर विश्वविद्यालय के 18वें स्थापना दिवस समारोह को संबोधित करते हुए प्रणब ने कहा, ‘ भारत सरकार और जम्मू कश्मीर सरकार इस बात के लिए प्रतिबद्ध है कि प्रत्येक कश्मीरी इज्जत के जीवन गुजारे और उसे समान अधिकार और अवसर प्राप्त हों।’ गौरतलब है कि राष्ट्रपति बनने के बाद प्रणब मुखर्जी की यह पहली जम्मू कश्मीर यात्रा है।
यहां छात्रों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि मेधावी और युवा लोगों के बीच आज वह इस अवसर का उपयोग समाज में संयम की अत्यावश्यक जरूरत को रेखांकित करने के लिए करना चाहेंगे। (एजेंसी)
First Published: Thursday, September 27, 2012, 13:40