Last Updated: Monday, January 16, 2012, 10:08
मुंबई : वर्ष 2006 में सात लोगों को अपनी कार के नीचे कुचलकर फरार होने के मामले में दोषी करार दिए गए एलिस्टर परेरा ने यहां की एक स्थानीय अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया।
उच्चतम न्यायालय ने कुछ दिन पहले ही उसकी जमानत रद्द कर दी थी। परेरा ने सेवरी की सत्र अदालत में आत्मसमर्पण किया जिसने उसे हिरासत में लेने के आदेश दिये। गत 12 जनवरी को उच्चतम न्यायालय ने फुठपाथ पर सो रहे सात लोगों को अपनी गाड़ी से कुचलने के मामले में मुम्बई के उद्योगपति को सुनायी गई तीन वर्ष कैद की सजा को बरकरार रखा था।
हालांकि अदालत ने कहा कि इस ‘निंदनीय अपराध’ के लिए यह सजा बहुत कम है। उच्चतम न्यायालय ने बम्बई उच्च न्यायालय के परेरा को इस अपराध के लिए दोषी ठहराने के फैसले से सहमति जताते हुए यह भी कहा था कि इस सजा को बढ़ाया नहीं जा सकता क्योंकि महाराष्ट्र सरकार ने सजा को चुनौती देते हुए अपील दायर नहीं की है। उच्चतम न्यायालय ने परेरा की जमानत खारिज करते हुए उसे वह बाकी बची सजा काटने के लिए आत्मसमर्पण करने को कहा था जो उसे उच्च न्यायालय ने मुम्बई में 12 नवम्बर 2006 को हुई इस घटना के लिए वर्ष 2007 में सुनाई थी।
उच्च न्यायालय ने निचली अदालत द्वारा सुनायी गई छह महीने की सजा को बढ़ाकर तीन वर्ष करने के साथ ही उस पर पांच लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया था।
(एजेंसी)
First Published: Monday, January 16, 2012, 16:51