हिन्दुस्तान में इंसाफ की कमी है : सिब्बल

हिन्दुस्तान में इंसाफ की कमी है : सिब्बल

हिन्दुस्तान में इंसाफ की कमी है : सिब्बलपटना : केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार मंत्री कपिल सिब्बल ने आज कहा कि अगर हिंदुस्तान में किसी चीज की कमी है तो वह इंसाफ की कमी है। किसी भी मुल्क और हुकूमत की जड़ें इंसाफ से जुड़ी होनी चाहिए।

उर्दू दैनिक अखबार की ओर से ‘आजाद हिंदुस्तान की अकलियतों के लिए मौलाना आजाद की सोच’ विषय पर आज यहां आयोजित एक संगोष्ठी को संबोधित करते हुए सिब्बल ने कहा कि अगर हिंदुस्तान में किसी चीज की कमी है तो वह इंसाफ की कमी है। चाहे वह जो भी मुल्क और हुकुमत हो, अगर उसकी बुनियाद इंसाफ से न जुड़ी हो, वह मुल्क कभी नहीं आगे बढ़ सकता। बिहार की चर्चा करते हुए सिब्बल ने कहा कि राजनीति में उनकी शुरूआत इसी प्रदेश से हुई और इसको वे कभी भूल नहीं सकते।

उन्होंने कहा कि जब वे राजनीति के क्षेत्र में आए तो एक बात तय कर लिया कि जो भी वे फैसला करेंगे इंसानियत के साथ करेंगे। सिब्बल ने कहा कि जिस इंसान में इंसानियत नहीं है, वह इंसान नहीं है। इसलिए उनका यह प्रयास रहा कि जब-जब उन्होंने कोई फैसला लिया उसी आधार पर किए। उन्होंने कहा कि जब कोई आदमी इंसानियत के आधार पर फैसला करता है तो वह सही फैसले होते हैं और अगर सब लोग हिंदुस्तान में इंसानियत के साथ आगे बढ़ें तो यह देश निश्चित रूप से आगे बढ़ेगा।

सिब्बल ने कहा, ‘सरकार का भी यह कर्तव्य है, जो मुल्क और हुकुमत कहीं भी हो अगर उसकी बुनियात इंसाफ से न जुड़ी हो, वह मुल्क कभी आगे नहीं बढ़ सकता है।’ सिब्बल ने कहा कि हाल में हिंदुस्तान में इंसाफ की नींव को कमजोर करने में हम सभी शामिल हैं और इसके लिए किसी एक पर आरोप लगाना भी अपने आप में गलत होगा। इंसाफ के बारे में अपनी एक कविता सुनाते हुए सिब्बल ने कहा कि बरसों-बरसों, साल-साल बीत जाते हैं, लेकिन इंसाफ नहीं मिलता। जो 15-15 साल जेल में रहते हैं, उनका कोई कसूर नहीं होता।

सिब्बल ने कहा कि वह किसी एक कौम की बात नहीं करते। किसी भी कौम का इंसाफ का हक उससे ले लिया जाए तो उस देश की बुनियाद कमजोर हो जाएगी। केंद्र की पिछली संप्रग सरकार में मानव संसाधन मंत्री रह चुके सिब्बल ने कहा कि बिना तालीम के यह मुल्क आगे नहीं बढ़ सकता। उन्होंने कहा कि देश के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद ने कहा था कि मुल्क की पूंजी धन से नहीं बल्कि तालीम से होती है।

सिब्बल ने कहा कि केंद्र की पिछली संप्रग सरकार में मानव संसाधन मंत्री बनने पर उन्होंने शिक्षा के अधिकार को लागू किया। उन्होंने व्यवसायिक शिक्षा का जिक्र करते हुए कहा कि इस बारे में उन्हें प्रेरणा मौलाना आजाद से मिली और इसके लिए उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर कार्यक्रम बनाया और उर्दू को रोजगार के साथ जोड़ा। (एजेंसी)

First Published: Saturday, February 23, 2013, 20:23

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