Last Updated: Saturday, August 25, 2012, 23:28

त्रिशूर : कोयला खंड आवंटन विवाद को कोई मुद्दा नहीं बताते हुए कांग्रेस ने आज भाजपा को चुनौती दी कि वह संसद की कार्यवाही बाधित करने के बजाय संप्रग सरकार के खिलाफ अविश्वास लाए। कांग्रेस प्रवक्ता और टू जी स्पेक्ट्रम की जांच कर रही जेपीसी अध्यक्ष पी सी चाको ने कहा कि भाजपा ऐसा कदम उठाने की हिम्मत नहीं जुटा पाएगी क्योंकि इससे उसका असली रंग खुलकर सामने आ जाएगा बल्कि उसकी अगुवाई वाले राजग में दरार पड़ जाएगी।
उन्होंने कहा, विपक्ष के लिए उचित होगा कि वह एक गैर मुद्दे पर संसद को ठप करने के बजाय संप्रग सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाए। जिम्मेदार विपक्ष का यह दायित्व है कि वह कोयला खंडों के आवंटन पर 1.86 करोड़ रूपए के नुकसान के कैग के अनुमान पर चर्चा के लिए तैयार रहना दर्शाए। चाको ने कहा कि भाजपा जानती है कि यदि इस मुद्दे पर संसद में चर्चा हुई तब उसका असली रंग खुलकर सामने आ जाएगा क्योंकि उसके शासित राज्यों ने प्रतिस्पर्धी बोली का विरेाध किया था। ऐसे में वह कभी भी अविश्वास प्रस्ताव नहीं लाएगी क्योंकि राजग के सहयोगी भी उसका समर्थन नहीं करेंगे।
चाको ने कहा कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित प्रधानमंत्री पर कैग के घाटा के अनुमान के आधार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाकर उनका इस्तीफा मांगना वांछनीय नहीं है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2004 में सत्ता गंवाने के बाद से ही भाजपा गैर मुद्दों पर संसद की कार्यवाही में व्यवधान डालने की नीति पर चल रही है लेकिन कांग्रेस मुख्य विपक्षी दल के दोहरेपन का खुलासा करने के लिए भरसक प्रयास करेगी।
प्रधानमंत्री के इस्तीफे नहीं देने पर भाजपा के अपने सांसदों के सामूहिक इस्तीफे पर विचार करने की खबरों पर उन्होंने कहा कि कांग्रेस मध्यावधि चुनाव से नहीं डरती है लेकिन वर्तमान राजनीतिक स्थिति में यह सवाल तनिक भी नहीं उठता है। उन्होंने कैग की कार्यविधि पर भी प्रश्न उठाया।
टू जी घोटाले की जेपीसी जांच की प्रगति के बारे में एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि केवल दो तिहाई काम पूरा हुआ है तथा एक और विस्तार की जरूरत होगी। जेपीसी का कार्यकाल दिसंबर में खत्म हो जाएगा। (एजेंसी)
First Published: Saturday, August 25, 2012, 23:28