Last Updated: Friday, January 25, 2013, 17:45
मुंबई : डेविड हेडली को 35 साल की सजा को अपर्याप्त बताते हुये 26-11 मामले में भारत के विशेष अधिवक्ता उज्ज्वल निकम ने कहा कि हेडली को इस मामले में सरकारी गवाह बना देना चाहिये ताकि गुनाहगारों को सजा मिल सके।
निकम ने बताया कि यह अहम है कि हेडली ने सजा को लेकर किये गये समझौते में स्वीकार किया था कि वह 26-11 आतंकी हमले में अमेरिका की ओर से गवाही देगा। अब पाकिस्तान को हेडली को 26-11 मामले में अभियुक्त बनाना चाहिये।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को उसे सरकारी गवाह बनाना चाहिये और वीडियो लिंक के जरिये उसका बयान दर्ज करना चाहिये। निकम ने बताया कि पाकिस्तान हमेशा कहता आया है कि लश्कर ए तैयबा के प्रमुख हाफिज सईद के खिलाफ उसके पास सबूत नहीं है परंतु अजमल कसाब ने अपने बयान में सईद का नाम लिया था।
निकम के अनुसार हेडली ने 26-11 की साजिश में अपनी भूमिका कबूल की है। हेडली का साक्ष्य बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि दुनिया भर में भय पैदा करने के इरादे से मुंबई में नरसंहार की योजना लश्कर ए तैयबा की योजना को पूरा करने के लिये उसने इसके प्रमुख नेताओं से बात की होगी।
उन्होंने कहा कि हेडली ने अमेरिकी अधिकारियों को सनसनीखेज जानकारी मुहैया करायी है और अब उन पर निर्भर है कि वह 26-11 हमले में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिये पाकिस्तान पर दबाव बनायें।
निकम ने बताया कि अमेरिकी कानून के अनुसार यदि किसी दोषी के साथ सजा को लेकर समझौता किया जाता है तो दोनों पक्षांे को अपने दायित्वों का निर्वाहन करना होता है। (एजेंसी)
First Published: Friday, January 25, 2013, 17:45