Last Updated: Tuesday, February 5, 2013, 21:22
नई दिल्ली : केंद्रीय गृह मंत्रालय ने रक्षा मंत्रालय से कहा है कि वह भारतीय वायुसेना के उन कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई करे, जो छत्तीसगढ में हथियारबंद हेलीकाप्टर और एक घायल पुलिसकर्मी को छोडकर चले गये थे।
केंद्रीय गृह सचिव ने रक्षा सचिव शशिकांत शर्मा से कहा है कि वह 18 जनवरी को छत्तीसगढ में हुई इस घटना की जांच कर उचित कार्रवाई करें। उस दिन माओवादियों की फायरिंग के कारण भारतीय वायुसेना के हेलीकाप्टर को आपात लैंडिंग करनी पडी थी। हेलीकाप्टर पर राज्य पुलिस का एक घायल वायरलेस आपरेटर भी था।
सिंह ने कहा कि हेलीकाप्टर, उस पर रखे हथियार और घायल वायरलेस आपरेटर को वायुसेना के कर्मियों द्वारा छोडकर चले जाना मानक कार्रवाई प्रक्रिया (एसओपी) का स्पष्ट उल्लंघन लगता है। सिंह ने शर्मा को लिखे पत्र में कहा कि सशस्त्र सेना के कर्मियों का ऐसा करना काफी परेशान करने वाली बात है।
घटना का ब्यौरा देते हुए गृह सचिव ने कहा कि एमआई-17 हेलीकाप्टर पर शाम करीब पांच बजे आसपास की पहाडियों से फायरिंग हुई, जिससे पुलिस का वायरलेस आपरेटर घायल हो गया। वह हेलीकाप्टर पर सवार सात लोगों में से एक था।
हेलीकाप्टर को चिंतागुफा थाने से लगभग सवा दो किलोमीटर की दूरी पर आपात परिस्थितियों में उतारना पडा । गरूड बल के दो कमांडो सहित भारतीय वायुसेना के छह कर्मी घायल वायरलेस आपरेटर, अपने हथियार और हेलीकाप्टर को छोडकर चले गए।
सूचना मिलने पर केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की कोबरा इकाई घटनास्थल की ओर गई और रात लगभग दस बजे हेलीकाप्टर खोज पाई। घायल वायरलेस आपरेटर को 19 जनवरी के तड़के चिंतागुफा थाने लाया गया। गृह सचिव ने कहा कि हेलीकाप्टर टिमलेवाडा में उतरा था। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, February 5, 2013, 21:22