Last Updated: Tuesday, January 10, 2012, 07:36
लखनऊ : उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनावों में नए परिसीमन के चलते जहां 126 विधानसभा सीटें चुनावी इतिहास का हिस्सा बन जाएंगी, वहीं इसके चलते राजनीतिक दलों को अपने राजनीतिक समीकरणों में भी काफी बदलाव करना पड़ रहा है।
नए परिसीमन में लगभग 30 से अधिक आरक्षित सीटें अब सामान्य हो जाएंगी, हालांकि उनकी क्षतिपूर्ति के लिए नई सीटों को सुरक्षित कर दिया गया है। वर्ष 2012 में गठित देश के चौथे परिसीमन आयोग द्वारा नवसृजित निर्वाचन क्षेत्रों के आधार पर राज्य में पहली बार विधानसभा के चुनाव होने जा रहे हैं और इस परिसीमन में प्रदेश के 26 जिलों की कुल 126 विधानसभा सीटों का नामोनिशान मिट जाएगा। इससे पहले वर्ष 2009 में लोकसभा चुनाव का पहला महासंग्राम नए परिसीमन पर हुआ था।
नए परिसीमन में प्रदेश के चुनावी इतिहास के पन्ने का अतीत बन चुकी विधानसभा की सीटों में सबसे अधिक हरदोई जनपद की छह सीटें है, जिनमें बेनीगंज, अहिरौरी, बावन (सभी एससी), पिहानी, बिलग्राम तथा मल्लावां शामिल हैं। इनके स्थान पर सवाइजपुर, गोपालपुर, सांडी, बिलग्राम-मल्लावां, बालामउ नाम से नई सीटें बनी हैं। राजधानी लखनऊ की महोना, बिजनौर की स्योहारा, अफजलगढ़, ज्योतिबाफुले नगर की गंगेश्वरी (एससी), मुरादाबाद की बहजोई, मुरादाबाद पश्चिम, मुरादाबाद, मुरादाबाद देहात, रामपुर की स्वारटांडा, शाहाबाद (सुरक्षित), बदायूं की उसेहत, बिनावर, बरेली की सुन्हा, बरेली शहर, कावर, शाहजहांपुर की निगोही, खीरी की हैदराबाद, पैला (सुरक्षित), सीतापुर की बेहटा, मछरेहटा (एससी), उन्नाव की हड़हा, हसनगंज (एससी), रायबरेली की सतांव, डलमऊ, प्रतापगढ़ की गड़वारा, बीरापुर, बिहार, सुल्तानपुर की जयसिंह पुर, चांदा, अम्बेडकरनगर की जहांगीरगंज (एससी), फैजाबाद की सोहावल (एससी), बाराबंकी की सिद्धौर (एससी, मसौली, नवाबगंज, फतेहपुर (एससी), बहराइच की फखरपुर, चर्दा (एससी), श्रावस्ती की इकौना, गोंडा की सादुल्लापुर, मुजेहना, डिक्सिर (एससी), बस्ती की नगर पूर्व, बस्ती, रामनगर, संतकबीरनगर की खेसरहा, हैंसरबाजार (एससी) तथा सिद्धार्थनगर की नौगढ़ नाम की विधानसभा सीटें अब इतिहास के पन्नों में सिमट जाएंगी।
(एजेंसी)
First Published: Tuesday, January 10, 2012, 13:06