Last Updated: Friday, January 25, 2013, 19:45

हैदराबाद : मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने मांग की है कि 1992 में अयोध्या में विवादित ढाचे को ढहाए जाने के बाद से देश में हुए सभी बम विस्फोटों की जांच की जानी चाहिए।
ओवैसी ने कहा कि उन्हें हिदुत्ववादी ताकतों पर संदेह है। इस बारे में उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे के बयान का जिक्र किया, जिसमें उन्होंने कहा था कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) देश में आतंकवाद फैला रहे हैं।
शुक्रवार तड़के मिलाद-उन-नबी के मौके पर एक विशाल रैली को सम्बोधित करते हुए ओवैसी ने भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी पर इस बात के लिए निशाना साधा कि उन्होंने बम विस्फोट के मामलों में प्रज्ञा ठाकुर और अन्य आरोपियों का बचाव करने के लिए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मुलाकात की।
ओवैसी ने आरोप लगाया कि भाजपा और आरएसएस शिंदे पर इसलिए हमला कर रहे हैं, क्योंकि वह दलित हैं। ओवैसी ने कहा कि उनकी पार्टी मुसलमानों और दलितों के बीच एकता के लिए काम करने के लिए तैयार है।
उन्होंने कहा कि मैं उस दिन का इंतजार कर रहा हूं, जिस दिन आंध्र प्रदेश में हमारे पास मायावती और मुलायम सिंह जैसे नेता होंगे। हम उन लोगों के साथ काम करेंगे।
एमआईएम मुख्यालय पर आयोजित इस रैली में हजारों की संख्या में लोगों ने हिस्सा लिया, जो तड़के लगभग 3.30 बजे तक चलती रही।
ओवैसी ने कहा कि उनकी पार्टी हिंदुओं या हिंदुत्व के खिलाफ नहीं है, बल्कि हिंदूवादी ताकतों व संघ परिवार के खिलाफ है। ओवैसी ने भड़काऊ भाषण के मसले से निपटने में कांग्रेस सरकार पर दोहरा मानदंड अपनाने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा कि आपने अकबर ओवैसी पर देशद्रोह का आरोप लगाया, लेकिन स्वामी (कमलानंद भारती) पर नहीं। आपने स्वामी की जमानत याचिका का भी विरोध नहीं किया। आपने प्रवीण तोगड़िया को कभी गिरफ्तार नहीं किया, (जिनपर, हैदराबाद में भड़काऊं टिप्पणी के लिए कार्रवाई की गई थी)। (एजेंसी)
First Published: Friday, January 25, 2013, 19:45