200 रुपये के लिए अस्पताल ने ली बच्चे की जान

200 रुपये के लिए अस्पताल ने ली बच्चे की जान

200 रुपये के लिए अस्पताल ने ली बच्चे की जानजालंधर : पंजाब सरकार जहां एक ओर लोगों को बेहतर इलाज मुहैया कराने का दावा करती रही है वहीं दूसरी ओर जालंधर के सदर अस्पताल में कल देर रात सिर्फ दो सौ रूपये की खातिर चिकित्सा कर्मियों ने एक नवजात शिशु को कथित रूप से जीवन रक्षक प्रणाली से हटा दिया जिससे कुछ ही देर में उसकी मौत हो गयी ।

इस बारे में अस्पताल के कार्यकारी सिविल सर्जन डा आर एल वस्सन का कहना है कि यह मामला उनके अधिकार क्षेत्र’ में नहीं आता , दूसरी ओर अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डा इकबाल सिंह को भी इस मामले की जानकारी नहीं है क्योंकि कल वह किसी सरकारी बैठक के सिलसिले में जालंधर से बाहर थे ।

नवजात के पिता तथा शहर के संतोखपुरा इलाके के निवासी संजीव कुमार ने आरोप लगाया कि अस्पताल प्रशासन ने महज दौ सौ रूपये की खातिर कथित रूप से उनकी बेटी की हत्या कर दी । पैसे जमा नहीं कराने के कारण उनकी पांच दिन की बेटी को जीवन रक्षक उपकरण से हटा दिया गया ।

संजीव ने बताया, ‘मेरी पत्नी अनीता ने 21 जुलाई को सदर अस्पताल में ही एक बेटी को जन्म दिया । बाद में उसे पीलिया की शिकायत हो गई । इसके बाद उसे जीवन रक्षक उपकरण के सहारे रखा गया । इसके लिए मुझसे 200 रुपये की मांग की गयी । मेरे पास 200 रुपये नहीं थे । इसके बाद उन्होंने बच्ची को मशीन से हटा दिया जिससे उसकी मौत हो गयी ।’ इस बारे में पूछे जाने पर कार्यकारी सिविल सर्जन डा आर एल वस्सन ने कहा, ‘यह मामला मेरे अधिकार क्षेत्र में नहीं आता है । इसलिए इस बारे में मैं कुछ नहीं कहूंगा ।

वस्सन ने कहा, ‘इस बारे में जानकारी सदर अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक ही दे सकते हैं ।’ दूसरी ओर सदर अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डा इकबाल सिंह ने बताया, ‘मैं कल यहां नहीं था । एनएचआरएम की बैठक के सिलसिले में कल मैं जालंधर से बाहर गया था । मुझे अभी अभी आफिस आने पर इसकी जानकारी मिली है ।’

उन्होंने कहा, ‘मुझे मामले को देखने दीजिए । मैं पता करता हूं कि क्या केस है । इसकी जांच की जाएगी और जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई होगी ।’ दूसरी ओर जिलाधिकारी प्रियांक भारती से बार बार कोशिशों के बावजूद संपर्क नहीं हो सका । (एजेंसी)

First Published: Thursday, July 26, 2012, 16:22

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