84 कोसी यात्रा निकालने पर विहिप अड़ी, 350 से ज्यादा नेता और कार्यकर्ता गिरफ्तार| 84-Kosi yatra

84 कोसी यात्रा निकालने पर विहिप अड़ी, 350 से ज्यादा नेता और कार्यकर्ता गिरफ्तार

84 कोसी यात्रा निकालने पर विहिप अड़ी, 350 से ज्यादा नेता और कार्यकर्ता गिरफ्तारअयोध्या (फैजाबाद) : उत्तर प्रदेश सरकार से इजाजत नहीं मिलने के बावजूद विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) द्वारा अयोध्या चौरासी कोसी परिक्रमा निकालने के निर्णय पर अटल रहने से अयोध्या और फैजाबाद में तनावपूर्ण शांति है और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिये विहिप के कई वरिष्ठ नेताओं तथा 350 से ज्यादा कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया है। सरकार द्वारा रोक और इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनउ पीठ द्वारा इस फैसले पर कमोबेश मुहर लगाये जाने के बावजूद विहिप चौरासी कोसी यात्रा निकालने पर अड़ी है। इसके मद्देनजर सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त हैं।

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि विहिप के पदाधिकारी महन्त संतोष दास को वाराणसी में जबकि संगठन के प्रमुख नेता महन्त राम शरण दास को राम सनेही घाट में गिरफ्तार कर लिया गया। बहराइच में बलहा से भाजपा की विधायक सावित्री बाई फुले को नजरबंद किया गया है। अमेठी में सागर आश्रम के पीठाधीश्वर अभय चैतन्य मुनि महाराज को भी एहतियात के तौर पर नजरबंद रखा गया है।

गृह विभाग के एक प्रवक्ता के मुताबिक कानपुर शहर में 100, फैजाबाद में 62, आगरा में 46, इलाहाबाद में 43, कानपुर देहात में 35, फतेहपुर में 17, बस्ती में आठ, जौनपुर में सात तथा बांदा में एक व्यक्ति को एहतियात के तौर पर हिरासत में लिया गया है। फैजाबाद के जिलाधिकारी विपिन कुमार द्विवेदी के मुताबिक विहिप के शीर्ष नेताओं अशोक सिंघल, प्रवीण तोगड़िया तथा रामविलास वेदान्ती के खिलाफ वारंट जारी किये जा चुके हैं।

प्रमुख नेताओं की गिरफ्तारी के लिये फैजाबाद के जिलाधिकारी तथा वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक की अगुवाई में एक टीम ने स्थानीय कारसेवकपुरम स्थित विहिप के स्थानीय मुख्यालय, मणिराम छावनी, महन्त नृत्य गोपाल दास के राम जन्मभूमि ट्रस्ट तथा विहिप कार्यकर्ताओं की मौजूदगी की आशंका वाले ठिकानों पर तलाशी ली। शुरुआत में विहिप के 70 प्रमुख नेताओं के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी करने वाले जिला प्रशासन ने अब 300 और कार्यकर्ताओं के खिलाफ भी वारंट जारी किये हैं।

जिलाधिकारी ने बताया, हम ऐसे प्रमुख विहिप नेताओं की गिरफ्तारी कर रहे हैं जो चौरासी कोसी परिक्रमा के नाम पर कानून-व्यवस्था की समस्या खड़ी कर सकते हैं। इस बीच, फैजाबाद के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के. बी. सिंह ने बताया कि साधुओं को अयोध्या की तरफ जाने से ससम्मान रोका जा रहा है।

ज्ञातव्य है कि विहिप ने राज्य सरकार को एक पत्र लिखकर 25 अगस्त से 13 सितम्बर तक साधु-संतों तथा श्रद्धालुओं की चौरासी कोसी परिक्रमा का आयोजन करने की इजाजत मांगी थी लेकिन सरकार ने परम्परा के अनुसार इस अनुष्ठान का समय बीत जाने तथा सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए इसके आयोजन की अनुमति देने से इनकार कर दिया था।

चौरासी कोसी परिक्रमा छह जिलों फैजाबाद, बाराबंकी, बस्ती, बहराइच, गोण्डा तथा अम्बेडकरनगर से होकर गुजरती है। इस यात्रा में करीब 50 हजार विहिप कार्यकर्ताओं के शिरकत करने की आशंका है।

इस बीच, फैजाबाद में कानून-व्यवस्था बनाये रखने के लिये पीएसी की 13 कम्पनियां, रैपिड एक्शन फोर्स की तीन कम्पनियों, दो पुलिस अधीक्षक, 19 अपर पुलिस अधीक्षक, 42 उपाधीक्षक, 135 निरीक्षक, 430 दरोगा तथा 1300 आरक्षी तैनात किये गये हैं। गृह विभाग के प्रवक्ता ने बताया कि यात्रा में शिरकत के लिये जाने वाले लोगों को गिरफ्तार निरुद्ध करने के लिये बहराइच में 16, बाराबंकी में 12, फैजाबाद में 10, अम्बेडकरनगर में पांच, गोंडा में तीन तथा बस्ती में दो अस्थायी कारागार बनाये गये हैं। उन्होंने बताया कि सम्बन्धित जिलों में बड़े पैमाने पर पुलिस बल के साथ-साथ नौ कम्पनी अर्धसैनिक बल को भी तैनात किया गया है।

पुलिस महानिदेशक देवराज नागर ने लखनउ में बताया कि उत्तर प्रदेश की सीमा से सटे दूसरे राज्यों के पुलिस महानिदेशकों से आग्रह किया गया है कि वे प्रस्तावित परिक्रमा में शामिल होने आ रहे साधु संतों के बारे में उत्तर प्रदेश पुलिस को पूर्व सूचना दें। उन्होंने बताया कि प्रदेश के खुफिया तंत्र से कहा गया है कि किसी तरह की संदिग्ध बात नजर आने पर उसकी सूचना दें। इस काम में दूसरी एजेंसियों का भी सहयोग लिया जा रहा है। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि सरकार द्वारा लगाया गया प्रतिबंध पूरी तरह लागू हो।

इस बीच, विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) की अयोध्या चौरासी कोसी परिक्रमा करने की इजाजत नहीं देने के खिलाफ दायर एक जनहित याचिका को आज इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनउ पीठ ने खारिज कर दिया। अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता ने इस परिक्रमा की पिछले सालों से चली आ रही परम्परा का हवाला अपनी याचिका में नहीं दिया है। ऐसे में इसे खारिज किया जाता है।

न्यायमूर्ति लक्ष्मीकांत महापात्र तथा न्यायमूर्ति देवेन्द्र कुमार उपाध्याय की खण्डपीठ ने यह फैसला स्थानीय वकील महेश गुप्ता की याचिका पर शुरुआती सुनवाई के बाद दिया। उधर, विहिप परिक्रमा यात्रा निकालने पर अड़ी है। उसके प्रवक्ता शरद शर्मा ने कहा कि साधु-संतों द्वारा ताजा परिस्थितियों की रोशनी में विचार-विमर्श के बाद तय किया गया है कि विहिप के कार्यक्रम में कोई परिवर्तन नहीं किया जाएगा। उन्होंने बताया कि कार्यक्रम के मुताबिक 25 अगस्त को सरयू तट पर पूजा-अर्चना के बाद यात्रा निकाली जाएगी।

विहिप प्रवक्ता ने बताया कि यात्रा निकालने वाले साधु-संत कानून-व्यवस्था को कोई खतरा पैदा नहीं करेंगे। वह एक धार्मिक यात्रा होगी और अगर सरकार संतों के खिलाफ कोई कार्रवाई करती है तो वे स्थिति से निपटने के लिये स्वतंत्र होंगे।

इस बीच, मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने लखनउ में एक सरकारी कार्यक्रम से इतर संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि विहिप की यह यात्रा प्रदेश का साम्प्रदायिक माहौल खराब करने की कुछ लोगों की साजिश है। उन्होंने किसी का नाम लिये बगैर कहा, कुछ लोग ऐसी यात्रा निकालना चाहते हैं जिससे आम जनता का कुछ भला नहीं होने वाले, यह माहौल खराब करने की साजिश है। (एजेंसी)

First Published: Saturday, August 24, 2013, 19:45

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