BSF ने रूद्रप्रयाग जिले के करीब एक दर्जन गांवों को लिया गोद

BSF ने रूद्रप्रयाग जिले के करीब एक दर्जन गांवों को लिया गोद

देहरादून : सीमा सुरक्षा बल ने गत जून में आयी प्राकृतिक आपदा में उजड.गये लोगों को राहत पहुंचाने और उनका जीवन वापस पटरी पर लाने के लिये रूद्रप्रयाग जिले के करीब एक दर्जन गांवों को गोद लिया है। सीमा सुरक्षा बल के मुख्यालय नयी दिल्ली में तैनात महानिरीक्षक अशोक कुमार ने यहां संवाददाताओं को बताया कि कालीमठ घाटी के 12 गांवों में राहत और पुनर्वास का मिशन बल के कार्मिकों द्वारा अपने एक दिन के वेतन से इकटठा की गयी धनराशि से गत आठ जुलाई से चलाया जा रहा है।

कुमार ने कहा कि बल के सभी कार्मिकों के एक दिन के वेतन से 16 करोड़ रुपये से ज्यादा की इकटठा हुई धनराशि में से पांच करोड. रूपये आपदा-ग्रस्त गांवों में खर्च किये जा रहे हैं।

उन्होंने बताया कि बल ने बाकी बचे धन में से 10 करोड़ रुपये मुख्यमंत्री राहत कोष को दिये जबकि आपदा के दौरान शहीद हो गये पुलिसकर्मियों के परिजनों को पांच-पांच लाख रूपये का फिक्सड डिपाजिट बनवा कर दिया। कुमार ने बताया कि आपदा से बुरी तरह प्रभावित हुई कालीमठ घाटी के पांच गांवों को पूर्ण रूप से और सात अन्य को आंशिक रूप से गोद लिया गयाहै।

महानिरीक्षक कुमार ने कहा कि बल द्वारा गोद लिये गये गांवों में पुनर्निर्माण का कार्य पूरे जोर शोर से चल रहा है और काम लगभग 90 फीसदी तक पूरा हो। उन्होंने कहा कि बल ने राहत और पुनर्वास के मिशन को 30 अक्टूबर तक पूर्ण करने का लक्ष्य रखा है।

सीमा सुरक्षा बल के जवान न केवल रोपवे टाली बना रहे है बल्कि कई जगह ग्रामीणों को मुफ्त में दोनों समय का भोजन उपलब्ध कराने के लिये कम्युनिटी किचन का भी संचालन कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि भीषण जलप्रलय में कालीमठ मंदिर का पुश्ता बह जाने से मंदिर के अस्तित्व को पैदा हुए खतरे से मंदिर को सुरक्षित करने के लिये बल 130 मीटर लंबा और 15 मीटर उंचा सीमेंट आरसीसी पुश्ते का निर्माण कर रहा है। (एजेंसी)

First Published: Tuesday, October 1, 2013, 15:29

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