Last Updated: Saturday, July 27, 2013, 11:20

नई दिल्ली : दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) ने भूमि की व्यवस्था करने संबंधी बहुप्रतीक्षित नीति को मंजूरी दे दी जिससे आवासीय परियोजनाओं के लिए जमीनों का आसानी से अधिग्रहण करने का रास्ता साफ हो जाएगा।
डीडीए के एक प्रवक्ता ने कहा, भूमि का अधिग्रहण बीते दो दशक से डीडीए के लिए कठिन हो गया है। इसी के मद्देनजर उप राज्यपाल नजीब जंग की अध्यक्षता में हुई प्राधिकरण की बैठक में इस नीति को स्वीकृति दी गई। यह नीति सार्वजनिक निजी भागीदारी पर आधारित होगी। डीडीए ने जांच बोर्ड की सिफारिश पर अपनी मुहर लगाई है। यह सिफारिश 22 और 23 जून की सुनवाई के दौरान की गई थी।
दिल्ली के मास्टर प्लान (1961) के बाद से डीडीए की नीति निजी मालिकों से कम कीमत पर जमीन का अधिग्रहण करने तथा उसे आवासीय एवं व्यावसायिक संपत्तियों में विकसित करने की रही है। संपत्ति की कीमतें बढ़ने के बाद इस नीति को लेकर भूमि मालिक अपनी नाराजगी जताने लगे तथा इसका विरोध भी करने लगे।
अब नयी नीति के अमल में आने के बाद भूमि मालिक डीडीए द्वारा बुनियादी ढांचे का विकास किए जाने के बाद अपनी भूमि को 40-60 फीसदी तक वापस हासिल कर सकेंगे। (एजेंसी)
First Published: Saturday, July 27, 2013, 11:20