Last Updated: Friday, March 8, 2013, 13:11

नई दिल्ली/लखनऊ: यूपी के प्रतापगढ़ में पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) जिया उल हक की हत्या के मामले में पूर्व मंत्री राजा भैया पर अब गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है। डीएसपी मर्डर केस की जांच के लिए सीबीआई टीम शुक्रवार को प्रतापगढ़ पहुंच गई और इस मामले में आगे की जांच करेगी। जांच के क्रम में राजा भैया से सीबीआई की ओर से पूछताछ किए जाने की संभावना है। अब देखना यह है कि राजा भैया की गिरफ्तारी आज हो पाती है या नहीं।
गौर हो कि सीबीआई ने गुरुवार को डीएसपी जिया उल हक की हत्या के सिलसिले में उत्तर प्रदेश के विवादास्पद नेता राजा भैया के खिलाफ हत्या के आरोप के तहत मामला दर्ज किया और जांच तेज कर दी। सीबीआई ने इस हत्याकांड की जांच की जिम्मेदारी सौंपे जाने के बाद यह कदम उठाया है।
सीबीआई ने हक की पत्नी परवीन आजाद की शिकायत के आधार पर चार प्राथमिकी दर्ज की है, जिनमें से एक में रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया को नामित किया गया है। राजा भैया प्रतापगढ़ जिले के कुंडा से पांच बार बतौर निर्दलीय उम्मीदवार विधायक चुने गए हैं। उत्तर प्रदेश पुलिस ने उनके खिलाफ हत्या और आपराधिक साजिश रचने रिपीट हत्या और आपराधिक साजिश रचने के तहत मामला दर्ज किया था। कुंडा में दो मार्च को हक की ड्यूटी के दौरान गोली मार कर हत्या कर दी गई थी।
हक की हत्या के मामले में उत्तर प्रदेश पुलिस ने दो प्राथमिकी दर्ज की। इनमें से एक प्राथमिकी थाना प्रभारी मनोज शुक्ला की रिपोर्ट के आधार पर दर्ज की गई है जिसमें 10 लोग संदिग्ध हैं जबकि दूसरी प्राथमिकी परवीन की शिकायत के आधार पर दर्ज की गई है और उसमें चार अन्य लोगों के साथ राजा भैया को नामित किया गया है। जांच के सिलसिले में राजा भैया से सीबीआई द्वारा पूछताछ किए जाने की संभावना है। सीबीआई सूत्रों ने बताया कि एफआईआर में राजा भैया और चार अन्य के खिलाफ हत्या, आपराधिक साजिश रचने, दंगा करने, लोगों के बीच हिंसा भड़काने के लिए इरादतन अपमान करने से संबद्ध आईपीसी की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। सूत्रों ने बताया कि राज्य सरकार ने इन दोनों मामलों की जांच का जिम्मा सीबीआई को सौंपा है।
First Published: Friday, March 8, 2013, 09:16