Last Updated: Tuesday, March 5, 2013, 12:20
ज़ी न्यूज ब्यूरो/एजेंसी लखनऊ/देवरिया : उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले में एक पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) की हत्या के मद्देनजर राज्य के विवादास्पद मंत्री रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया ने सोमवार को मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया। परिवार वालों की मांग और बढ़ते जनदबाव के आगे झुकते हुए सूबे के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मामले की सीबीआई से जांच कराने पर तैयार हो गए हैं।
सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने संसद भवन परिसर में संवाददाताओं से कहा कि राजा भैया का इस्तीफा हो गया है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि राजा भैया ने सोमवार सुबह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मुलाकात की और अपना इस्तीफा सौंप दिया। उन्होंने कहा कि राज्यपाल बी एल जोशी ने उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया है।
अधिकारी की हत्या के मुद्दे पर शोरशराबे के चलते उत्तर प्रदेश विधानसभा 30 मिनट के लिए स्थगित कर दी गई। प्रतापगढ़ में शनिवार को एक भीड़ ने डीएसपी जिया उल हक को उस समय मार दिया था जब वह जमीन विवाद में एक ग्राम प्रधान की गोली मारकर हत्या कर दिए जाने के बाद वहां गए थे। मृतक अधिकारी की पत्नी ने इस हमले के लिए राजा भैया पर आरोप लगाया है।
पुलिस को दी अपनी तहरीर में डीएसपी की पत्नी परवीन आजाद ने कहा कि राजा भैया के निर्देश पर नगर पंचायत अध्यक्ष गुलशन यादव, मंत्री के प्रतिनिधि हरिओम श्रीवास्तव, उनके चालक रोहित सिंह और समर्थक गुड्डू सिंह ने मेरे पति पर पहले लाठी-डंडों, छड़ों से हमला किया और फिर उन्हें गोली मार दी। परवीन ने कल कुंडा पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई जहां उनके पति तैनात थे। उत्तर प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने की बसपा प्रमुख मायावती की मांग पर यादव ने कहा कि यह अनावश्यक है, यह सूप तो सूप छलनी भी बोले वाली बात है।
उत्तर प्रदेश में कुंडा क्षेत्र के सीओ, शहीद जियाउल हक हत्याकांड में परिजनों की ओर से सूबे के खाद्य एवं रसद मंत्री राजा भैया के खिलाफ मामला दर्ज करवाने के साथ ही मामले में नया मोड़ आ गया!
वहीं, मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने जिया-उल-हक की हत्या के मामले की सीबीआई जांच की परिजन की मांग सोमवार को स्वीकार कर ली।
सरकार के खिलाफ गुस्से भरे माहौल में हक के जफुआर टोला गांव स्थित पैतृक आवास गये मुख्यमंत्री ने शहीद पुलिस अफसर की पत्नी परवीन आजाद को भरोसा दिलाया कि इस मामले की सीबीआई जांच की उनकी मांग स्वीकार की जाती है।
परवीन तथा मृत अफसर के पिता को 25-25 लाख रुपए के चेक देने के बाद अखिलेश ने उन्हें इस हत्याकांड में दोषी लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का भरोसा भी दिलाया।
करीब आधे घंटे के इस मुलाकात के दौरान परवीन ने मुख्यमंत्री से कहा कि उनके शौहर आगजनी के एक मामले की जांच कर रहे थे, जिसमें कुंडा के निर्दलीय विधायक तथा प्रदेश के तत्कालीन खाद्य एवं रसद मंत्री रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया के समर्थकों को आरोपी बनाया गया था।
मुख्यमंत्री ने शहीद पुलिस उपाधीक्षक के परिवार को समुचित सुरक्षा तथा उसके दो सदस्यों को राजपत्रित पद पर नौकरी देने का वादा भी किया। हालांकि, लखनऊ के एक कालेज से बीडीएस कर रही परवीन ने नौकरी लेने से मना कर दिया।
परवीन ने मुख्यमंत्री से प्रतापगढ़ के पुलिस अधिकारियों पर वारदात के दिन उन्हें भ्रमित करने की शिकायत भी की।
इसके पूर्व, जफुआर टोला पहुंचे प्रदेश के पुलिस महानिदेशक अम्बरीष चन्द्र शर्मा को जनता के कड़े विरोध का सामना करना पड़ा। गांव में मौजूद सैकड़ों लोगों ने उनका घेराव तथा नारेबाजी की।
दूसरी ओर, दिल्ली की जामा मस्जिद के शाही इमाम मौलाना अहमद बुखारी को पुलिस ने जफुआर टोला जाने से रोक दिया। मुख्यमंत्री के कार्यक्रम के मद्देनजर एहतियातन उन्हें रोका गया। हालांकि बाद में उन्हें पुरसा देने के लिये शहीद पुलिस अफसर के घर जाने की इजाजत दे दी गयी।
First Published: Monday, March 4, 2013, 23:10