Last Updated: Friday, March 9, 2012, 08:46
ज़ी न्यूज ब्यूरो/एजेंसी भोपाल: मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को मुरैना जिले में भारतीय पुलिस सेवा अधिकारी नरेंद्र कुमार की हुई कथित हत्या की न्यायिक जांच की घोषणा की है।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘अवैध उत्खनन को पकड़ने के लिए आईपीएस नरेन्द्र कुमार ने बहादुरी का परिचय दिया, सरकार उनकी शहादत को प्रणाम करती है, हमने इस घटना की न्यायिक जांच के निर्देश दिए हैं’।
उन्होने प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस से इस मामले में घृणित राजनीति नहीं करने की अपील करते हुए कहा कि खनिज माफिया जैसे नाम लेकर कांग्रेस इस प्रदेश को बदनाम करने का प्रयास कर रही है। इस बारे में कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह द्वारा दिल्ली में दिए बयान पर प्रतिक्रिया पूछने पर उन्होने कहा कि वह उनके बयानों पर टिप्पणी करना उचित नहीं समझते हैं, क्योंकि उन्हें वह भरोसे के लायक नहीं मानते हैं।
दूसरी तरफ मुरैना जिले के बामौर में युवा आईपीएस अधिकारी नरेन्द्र कुमार की खनिज माफिया द्वारा की गयी हत्या को जघन्य हत्याकांड बताते हुए चंबल रेंज के पुलिस उपमहानिरीक्षक डीपी गुप्ता ने इन संभावनाओं को गलत बताया कि यह हत्याकांड माफिया द्वारा योजनबद्ध ढंग से कराया गया था।
गुप्ता ने संवाददाताओं से चर्चा करते हुए कहा कि अभी तक हमे इस बात का कोई सबूत नहीं मिला है कि युवा आईपीएस अधिकारी की योजनाबद्ध ढंग से हत्या की गयी है। गुप्ता ने कहा कि जिस ट्रेक्टर ट्राली से कुचलकर नरेन्द्र कुमार की हत्या की गयी, चालक मनोज गुर्जर के पास से कोई मोबाइल नहीं मिला है।
इस मामले में कांग्रेस ने भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव और मुरैना से लोकसभा सांसद नरेंद्र सिंह तोमर पर खनिज माफिया को पहले से संरक्षण देने का आरोप लगाया। इसके साथ ही, पार्टी ने मांग की कि इस हत्याकांड की सीबीआई जांच करायी जाये और सूबे के गृह मंत्री अपने पद से इस्तीफा दें।
भूरिया ने हालांकि अपने इस आरोप के समर्थन में विस्तृत ब्यौरा नहीं दिया। लेकिन जोर देकर कहा, ‘अगर उस वक्त इस मामले में कार्रवाई हो जाती तो नरेंद्र कुमार की हत्या नहीं होती।’
भूरिया ने अवैध खनन पर प्रदेश सरकार को घेरते हुए आरोप लगाया कि खनिजों की लूट में सत्तारूढ़ भाजपा के नेताओं की मिलीभगत है।
First Published: Saturday, March 10, 2012, 10:17