Last Updated: Monday, August 27, 2012, 13:20

लखनऊ : इलाहाबाद उच्च न्यायालय की फटकार के बाद आखिरकार उत्तर प्रदेश की समाजवादी पार्टी(सपा) की सरकार ने राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (एनआरएचएम) घोटाले में फंसे 27 चिकित्सकों और कर्मचारियों के खिलाफ केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराने की अनुमति दे दी है। लखनऊ के पूर्व मुख्य चिकित्साधिकारी (सीएमओ) एके शुक्ला सहित 22 चिकित्सकों और पांच कर्मचारियों के खिलाफ अभियोजन की अनुमति राज्य सरकार ने रविवार देर रात दी। अधिकारियों की तरफ से इसे गोपनीय रखने की कोशिश की गई।
स्वास्थ्य मंत्री अहमद हसन ने सोमवार को एक स्थानीय समाचार चैनल से बातचीत में कहा कि भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचारियों के खिलाफ सपा सरकार को कार्रवाई करने में कभी कोई संकोच नहीं था। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की अगुवाई में हमारी सरकार बिल्कुल खुले तौर पर भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में है। हसन ने कहा कि जब न्याय विभाग ने सरकार को अपनी राय दे दी तो सरकार की तरफ से आरोपियों के खिलाफ सीबीआई को अभियोजन की स्वीकृति दे दी गई।
इसी सप्ताह इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने राज्य सरकार को कड़ी फटकार लगाते हुए 29 अगस्त तक सीबीआई को अभियोजन की स्वीकृति देने के आदेश दिए थे। उल्लेखनीय है कि सीबीआई ने गत मई माह में राज्य सरकार को पत्र लिखकर घोटाले में संलिप्त लोगों के खिलाफ अभियोजन की इजाजत मांगी थी, लेकिन आरोप है कि राज्य सरकार मामले में ढुलमुल रवैया अपना रही थी। (एजेंसी)
First Published: Monday, August 27, 2012, 13:20