Last Updated: Thursday, August 16, 2012, 23:23
इलाहाबाद : उत्तर प्रदेश में करोड़ों रूपये के ‘राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन’ घोटाले में आरोपी बनाए गए एक शीर्ष नौकरशाह को एक सीबीआई अदालत से जमानत मिलने के महज एक हफ्ते बाद इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने गुरुवार को सीबीआई से पूछा कि इस आईएएस अधिकारी के खिलाफ समय रहते कोई आरोपपत्र क्यों नहीं दाखिल किया गया।
न्यायमूर्ति अमर सरन और न्यायमूर्ति पंकज नकवी की एक खंडपीठ ने इस बारे में एक आदेश जारी किया। राज्य के मेडिकल हेल्थ विभाग के पूर्व प्रधान सचिव प्रदीप शुक्ला ने इस सिलसिले में एक रिट याचिका दायर की थी। शुक्ला ने अपने खिलाफ सीबीआई द्वारा दर्ज किए गए तीन एफआईआर को चुनौती देते हुए एक रिट याचिका दायर की थी।
शुक्ला को आठ अगस्त को गाजियाबाद स्थित एक सीबीआई अदालत से जमानत मिल गई थी।
उच्च न्यायालय ने इस बारे में सीबीआई से स्पष्टीकरण मांगते हुए इस मामले की अगली सुनवाई के लिए 30 अगस्त की तारीख तय की है। (एजेंसी)
First Published: Thursday, August 16, 2012, 23:23