Last Updated: Wednesday, April 3, 2013, 15:30

कोलकाता: स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) के एक नेता की मौत के बाद विपक्ष के दबाव में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को घटना को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया, लेकिन माकपा द्वारा की जा रही न्यायिक जांच की मांग से संबंधित सवाल का जवाब टाल दिया ।
ममता ने यहां सरकार संचालित एसएसकेएम अस्पताल के बाहर संवाददाताओं से कहा कि कोई भी मौत दुर्भाग्यूपर्ण होती है । मैं इससे ज्यादा कुछ नहीं कहूंगी । उन्होंने यह बात मीडिया के इस सवाल के जवाब में कही कि क्या राज्य सरकार इस मामले में न्यायिक जांच का आदेश देगी जैसी कि माकपा द्वारा मांग की जा रही है । एसएफआई नेता सुदीप्त गुप्ता का शव एसएसकेएम अस्पताल में रखा है ।
ममता ने कहा कि एसएफआई नेता की मौत खंभे से टकराकर हुई । उन्होंने दावा किया कि उनके खुद के कई कार्यकर्ता भी इसी तरह मारे गए हैं । मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने पीड़ित परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त करने के लिए अस्पताल का दौरा किया और हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया । अस्पताल में मौजूद एसएफआई कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री के दौरे के दौरान उनके खिलाफ नारे लगाए ।
सुदीप्त गुप्ता के पिता प्रणब गुप्ता ने हालांकि, राज्य सरकार से कोई भी मदद लेने से इनकार कर दिया । उन्होंने कहा, कि मेरे बेटे को पीट-पीट कर मौत के घाट उतारा गया । क्या यह न्याय है ? मैं केंद्र सरकार का कर्मचारी था । मुझे पेंशन मिलती है । मैं कोई धन स्वीकार नहीं कर सकता । यह मेरे सिद्धांतों के खिलाफ है । वह (मुख्यमंत्री) मुझे धन की पेशकश कर रही हैं, लेकिन क्या वह मेरा बेटा लौटा सकती हैं ।
ममता के इस बयान के बारे में पूछे जाने पर कि सुदीप्त की मौत खंभे से टकराकर हुई, प्रणब कुमार ने कहा कि उनके बेटे को पीट-पीट कर मारा गया और वह न्याय के लिए लड़ेंगे । सुदीप्त की मौत को लेकर विवाद खड़ा हो गया है । पुलिस इसे जहां दुर्घटना बता रही है, वहीं माकपा का आरोप है कि उसकी मौत पुलिस लाठीचार्ज में चोटों की वजह से हुई ।
एक अन्य घटनाक्रम में उस बस के चालक को गिरफ्तार कर लिया गया है जिसमें एसएफआई नेता और अन्य समर्थकों को गिरफ्तारी के बाद ले जाया जा रहा था । (एजेंसी)
First Published: Wednesday, April 3, 2013, 15:30