अक्टूबर से हेलिकॉप्टर के जरिए श्रद्धालु जा सकेंगे केदारनाथ

अक्टूबर से हेलिकॉप्टर के जरिए श्रद्धालु जा सकेंगे केदारनाथ

अक्टूबर से हेलिकॉप्टर के जरिए श्रद्धालु जा सकेंगे केदारनाथ नई दिल्ली : केदारनाथ में अगले महीने से तीर्थयात्रियों के लिये सीमित संख्या में हेलिकाप्टर के जरिये पहुंचने की व्यवस्था की जा रही है जबकि मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने कहा है कि अक्तूबर में बद्रीनाथ यात्रा और इस महीने के आखिर में हेमकुंड साहिब की यात्रा बहाल हो जायेगी।

जून में प्राकृतिक आपदा झेलने वाले केदारनाथ में 11 सितंबर से पूजा बहाल होने वाली है । इसमें विशिष्ट आमंत्रित व्यक्ति ही मौजूद होंगे लेकिन राज्य सरकार अगले महीने से सीमित संख्या में आम जनता के लिये दर्शन की व्यवस्था कराने की कवायद में है जो पांच नवंबर को मंदिर के कपाट बंद होने तक जारी रहेंगे।

बहुगुणा ने कहा कि गौरीकुंड के रास्ते फिलहाल पैदल यात्रा संभव नहीं है लेकिन हेलिकाप्टर से जाने के लिये हमने तीन अस्थायी हेलिपैड बनाये हैं । अभी उन्हें डीजीसीए से स्वीकृति नहीं मिली है । 30 सितंबर को होने वाली एक अहम बैठक में तय किया जायेगा कि वहां से केदारनाथ के लिये उड़ानें कब शुरू की जायें ।

उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि अक्तूबर से हेलिकाप्टर के जरिये लोग केदारनाथ के दर्शन कर सकेंगे । हेलिकाप्टर उतारने के लिये पुल बन गया है जहां से मंदिर के लिये 15 मिनट पैदल चलना होगा । हम 30 सितंबर की बैठक में इस बारे में फैसला लेंगे । पैदल यात्रा फिलहाल संभव नहीं है क्योंकि रास्ते सुरक्षित नहीं हैं और जगह जगह रूकने के लिये कोई बुनियादी ढांचा नहीं है । उन्होंने कहा कि हेलिकाप्टर से भी काफी सीमित संख्या में ही लोग जा सकेंगे । वैसे भी मौसम लगातार खराब चल रहा है और बारिश रूकी नहीं है । उधर बद्रीनाथ में अक्तूबर तक रास्ते बन जायेंगे और यात्रा बहाल हो जायेगी जबकि हेमकुंड साहिब में 22 या 23 सितंबर से यात्रा शुरू हो जायेगी ।

11 सितंबर को ही पूजा कराने की वजह पूछने पर बहुगुणा ने कहा, ‘यह मुहूर्त मंदिर समिति और पुजारियों ने निकाला है । मुझ पर काफी दबाव था कि पूजा जल्दी आरंभ की जाये । इसके लिये राज्य सरकार ने बिजली, पानी, ठहरने की व्यवस्था कर दी है और पांच नवंबर को पट बंद होने तक पूजा चालू रहेगी।’ उन्होंने बताया, ‘मंदिर समिति के 32 लोग वहां पहुंच रहे हैं । इसके अलावा एनडीआरएफ, पुलिस के 100 लोग होंगे । मंत्रिमंडल के सदस्य, स्थानीय सांसद और मीडिया से भी लोग पहुंचेंगे । पूजा शुरू होने के बाद मंदिर समिति के सदस्य दस दस दिन के क्रम पर वहां रहेंगे ।’

मुख्यमंत्री ने इस बात से इनकार किया कि मंदिर के भीतर अभी भी मलबा दबा हुआ है । उन्होंने कहा, ‘हमने दोहरी योजना पर काम किया । पहले घाटी से सारे शव निकाले और दूसरे जहां हेलिकाप्टर उतरता है, वहां पुल बनाया । पिछले कुछ दिन से राज्य पुलिस ने सघन खोज अभियान में 300 से ज्यादा शव निकाले हैं।’ उन्होंने कहा, ‘‘मंदिर के भीतर कोई मलबा नहीं है लेकिन परिसर में सफाई का काम बाकी है जो पूजा के बाद जारी रहेगा । मैने खुद मंदिर के भीतर जाकर निरीक्षण किया है और वहां पूजा आरंभ करने की राह में कोई बाधा नहीं है ।’ (एजेंसी)

First Published: Monday, September 9, 2013, 19:19

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