Last Updated: Sunday, September 8, 2013, 19:36

मेरठ : राष्ट्रीय लोकदल ने उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था पूरी तरह से विफल होने एवं प्रदेश में फैले सांप्रदायिक दंगों को काबू करने में नाकाम रहने के कारण केन्द्र सरकार से मांग की है कि उत्तर प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लागू करे।
पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौ. अजित सिंह ने यहां जारी एक बयान में आरोप लगाया कि प्रदेश में समाजवादी पार्टी के सत्ता में आने के समय से उत्तर प्रदेश में सौ से भी अधिक सांप्रदायिक दंगे हो चुके हैं। मुजफ्फरनगर में हुए दंगों ने प्रदेश सरकार की दुर्बल, बेअसर और लापरवाही को उजागर किया है। अखिलेश यादव सरकार पिछले दरवाजे से दंगों को भड़का रही है। उन्होंने बताया कि स्थिति इतनी खराब हो चुकी है कि एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी को अपनी जान गंवाने के डर से क्षेत्र को छोड़ना पड़ा। प्रदेश में शांति स्थापित करने के लिए भारतीय सेना को बुलाना पड़ा है।
उन्होंने आरोप लगाया कि यह विडंबना है कि अखिलेश यादव की सरकार ने सांप्रदायिक दंगों के पीड़ितों को दो तरह के मुआवजे दिए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि विहिप की यात्रा को रोकने के लिए प्रदेश सरकार ने 8000 सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया, लेकिन प्रदेश में व्याप्त तनाव व हिंसा को रोकने के लिए आवश्यक सुरक्षा का अंदाजा लगाने में वह पूर्णत विफल रही। भड़काउ भाषण देने वाले राजनेताओं के विरुद्ध कार्रवाई करने में प्रदेश सरकार नाकाम रही।
उन्होंने दावा किया कि समाजवादी पार्टी समाज और शांति एवं भाईचारे में रह रहे लोगों का जातीय आधार पर विभाजन कर रही है तथा अपनी अकर्मण्यता को छिपाने के लिए सांप्रादायिकता एवं जातीयता को बढ़ावा दे रही है। चौ. अजित सिंह ने जनता से अपील की है कि वे अवांछनीय तत्वों द्वारा फैलायी जा रही अफवाहों से उत्तेजित न हों और सदियों पुराने चले आ रहे शांति और भाईचारे को बनाए रखें। (एजेंसी)
First Published: Sunday, September 8, 2013, 19:36