अदालत ने अरुणा की जमानत अर्जी खारिज की

अदालत ने अरुणा की जमानत अर्जी खारिज की

नई दिल्ली: दिल्ली की एक अदालत ने आज गीतिका शर्मा खुदकुशी मामले में हरियाणा के पूर्व मंत्री गोपाल कांडा की सहयोगी अरुणा चड्ढा की जमानत अर्जी को खारिज कर दिया। अरुणा इस मामले में आरोपी है।

जिला एवं अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश एस के सरवरिया ने अरुणा चड्ढा को जमानत देने से इनकार कर दिया।

अदालत ने अभियोजन पक्ष की इस दलील को मानते हुए अरुणा की जमानत अर्जी को खारिज कर दिया कि वह साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ कर सकती है और अगर उसे इस समय जमानत पर छोड़ा गया तो गवाहों को प्रभावित कर सकती है।

अरुणा ने इस आधार पर जमानत मांगी थी कि उसकी सात साल की एक बेटी और बुजुर्ग माता.पिता हैं जिनकी उसे देखभाल करनी है।

उसकी ओर से वरिष्ठ वकील रमेश गुप्ता ने दलील दी कि गीतिका ने इसलिए आत्महत्या की क्योंकि उसके माता.पिता उससे खुश नहीं थे।

गुप्ता ने यह भी कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी अरुणा या कांडा के खिलाफ कुछ नहीं मिला है।

गुप्ता ने अदालत को वह तस्वीरें भी दिखाईं जिनमें गीतिका की खुदकुशी से 15 दिन पहले वह अरुणा के एक पार्टी में दिख रही है।

दिल्ली पुलिस ने अरुणा की जमानत अर्जी का विरोध करते हुए कहा कि उसे जमानत नहीं मिलनी चाहिए क्योंकि उसने पूछताछ के दौरान कई बिंदुओं पर झूठ बोला है।

सरकारी अभियोजक राजीव मोहन ने कहा कि अरुणा ने पूछताछ के दौरान गीतिका को फर्जी खत भेजे जाने के बारे में नहीं बताया। इन खतों में कहा गया था कि गीतिका के खिलाफ दुबई में प्रत्यर्पण की प्रक्रिया शुरू हो गयी है। (एजेंसी)

First Published: Friday, September 7, 2012, 20:38

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