Last Updated: Sunday, August 25, 2013, 12:23
नई दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय ने अपने पहले के उस निर्देश का पालन करने में असफल रहने के लिए दिल्ली सरकार के दो वरिष्ठ अधिकारियों को सम्मन जारी किया है जिसमें उसने अनधिकृत धार्मिक ढांचों को हटाने के लिए समयबद्ध कार्ययोजना तैयार करने को कहा था।
न्यायमूर्ति एस. मुरलीधर और न्यायमूर्ति राजीव सहाय इंदलाव की विशेष पीठ ने कहा कि मुख्य सचिव और प्रधान सचिव (राजस्व) को निर्देश दिया गया था कि वे अनधिकृत धार्मिक ढांचों को हटाने तथा 34 अन्य ऐसे ढांचों के बारे में बातचीत किए जाने के संबंध में अलग-अलग अनुपालन रिपोर्ट दाखिल करें, लेकिन ‘ऐसी कोई अनुपालन रिपोर्ट दाखिल नहीं की गई।’
पीठ ने कहा, ‘गत कई सुनवाइयों के दौरान बार बार दिये गए दिशानिर्देशों और मामले की गंभीरता के मद्देनजर यह जरूरी है कि मुख्य सचिव तथा प्रधान सचिव (राजस्व) जीएनसीटीडी अगली सुनवायी के दौरान अदालत में मौजूद रहें और इस बारे में स्पष्टीकरण दें कि दिशानिर्देशों का पालन क्यों नहीं किया गया।’’
इससे पहले दिल्ली में सरकारी भूमि पर बड़ी मात्रा में अनधिकृत धार्मिक ढांचों पर दिल्ली सरकार की धार्मिक समिति की रिपोर्ट के मद्देनजर पीठ ने कुछ दिशानिर्देश जारी किये थे। पीठ ने मुख्य सचिव को निर्देश दिया था कि वह ऐसे ढांचों को हटाने तथा आसपास रहने वालों से बातचीत के तौर तरीके तय करने के लिए एक समयबद्ध कार्ययोजना तैयार करने के लिए तत्काल एक बैठक आयोजित करे।
वरिष्ठ अधिकारी को कार्य योजना तैयार करने और अनुपालन रिपोर्ट दायर करने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिव, प्रधान सचिव (राजस्व) जीएनसीटीडी, डीडीए उपाध्यक्ष, दिल्ली पुलिस आयुक्त, और गृह सचिव जीएनसीटीडी के विशेष सचिव की दो सप्ताह में बैठक आयोजित करने को कहा गया था। (एजेंसी)
First Published: Sunday, August 25, 2013, 12:23