Last Updated: Wednesday, July 31, 2013, 09:24
पटियाला : अफगानिस्तान में भारतीय मूल के सिखों को अपनी बेटियों के लिए अनुकूल जीवनसाथी की तलाश में मुश्किल होती है, जिसकी वजह से वह उनका विवाह 13-14 साल की उम्र में कर देते हैं।
अफगानिस्तान की एक सांसद अनारकली कौर होनरयार ने कहा कि लड़कियों पर गहरा असर पड़ रहा है। उनके अभिभावक ज्यादातर कारोबारी हैं और वे मात्र 13-14 साल की उम्र में अपनी बेटियों का विवाह कर देते हैं। तब लड़कियां न तो पूरी तरह शिक्षित होती हैं और न ही उनका शारीरिक मानसिक विकास होता है।
अफगानिस्तान के उच्च सदन की सांसद अनारकली यहां पहले दक्षिण एशियाई पंजाबी सम्मेलन में भाग लेने आई हैं। उन्होंने कहा कि अभिभावक उन्हें गुरुमुखी सीखने की अनुमति इसलिए देते हैं ताकि वे गुरबानी पाठ कर सकें। पेशे से दंत चिकित्सक अनारकली महिलाओं के अधिकारों की पुरजोर वकालत करती हैं। उन्होंने कहा कि चल रही हिंसा से अफगानिस्तान में कई भारतीय प्रभावित हुए हैं।
उन्होंने कहा कि अब करीब 3,000 सिख और हिंदू अफगानिस्तान में रह रहे हैं। पूर्व में उनकी संख्या करीब 50,000 थी। लेकिन अशांति फैलने के साथ ही इनमें से ज्यादातर लोग कनाडा या यूरोप चले गए या भारत वापस आ गए। अनारकली ने अफगानिस्तान के पुनर्निर्माण में भारत सरकार के योगदान की सराहना की। लेकिन इस बात पर उन्होंने अफसोस जताया कि अफगान अपने यहां रह रहे भारतीयों को अब भी विदेशी समझते हैं। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, July 31, 2013, 09:24