Last Updated: Wednesday, September 18, 2013, 10:10
ज़ी मीडिया ब्यूरोश्रीनगर : संसद पर हमले मामले में दोषी मोहम्मद अफजल गुरु को फांसी की सजा दिए जाने के सात महीने बाद उसकी एक किताब आयी है जिसपर खास बवाल मच रहा है। इस किताब का शीर्षक है - अहले इमान के नाम शहीद मोहम्मद अफजल गुरु का आखिरी पैगाम। बताया जा रहा है कि इस किताब की 5 हजार कॉपी छापी और सर्कुटेल की गई है।
उर्दू भाषा में लिखी गयी इस किताब का संपादन करने वाले अलगाववादी नेता शफी अहमद खान शैरियाती ने दावा किया कि गुरु ने उन्हें तिहाड़ जेल से कश्मीरी लोगों के लिए एक संदेश भेजा था। गुरु को गिरफ्तार किए जाने के 11 साल बाद इसी साल सात फरवरी को फांसी दे दी गयी थी। इस किताब में अफगानिस्तान में अमेरिकी और संयुक्त बलों से मुकाबला लेने के लिए तालिबान प्रमुख मुल्ला मुहम्मद उमर की प्रशंसा की गयी है।
अफजल गुरु की 94 पन्नों की इस किताब में लिखा है कि भरोसेमंद मुल्ला मुहम्मद उमर के नेतृत्व में तालिबान अंधेरे में रोशनी की किरण है। किताब के अनुसार इस संगठन ने अमेरिका और नाटो बलों के वर्चस्व को ध्वस्त कर दिया है हालांकि तुर्की, परमाणु हथियार संपन्न पाकिस्तान और अरब देशों जैसे विकसित मुस्लिम राष्ट्र पश्चिम से भयभीत हैं।
First Published: Wednesday, September 18, 2013, 10:10