Last Updated: Wednesday, March 13, 2013, 19:09
लखनऊ : लखनऊ विश्वविद्यालय अब एक नई पहल करने जा रहा है। विश्वविद्यालय प्रशासन के अधिकारियों की मानें तो उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्याकंन के दौरान होने वाली गड़बड़ियों पर नकेल कसने के लिए अब मूल्याकंन का भी मूल्याकंन कराया जाएगा।
विश्वविद्यालय इस बार से एक अनोखी पहल कर रहा है। विश्वविद्यालय के छात्रों की उत्तर पुस्तिकाओं की जांच के बाद अब उन उत्तर पुस्तिकाओं की जांच दोबारा करायी जाएगी। इसके लिए सभी विभागों से कक्षावार छह अतिरिक्त परीक्षकों के नाम मांगे गए हैं।
सभी विभागों से अतिरिक्त परीक्षकों के नाम इसलिए मांगे गए हैं, क्योंकि ये शिक्षकों द्वारा जांची गयी उत्तर पुस्तिकाओं को दोबारा मूल्यांकन करेंगे और कापियों का मूल्यांकन रैंडम आधार पर किया जाएगा। माना यह जा रहा है कि सूचना के अधिकार के तहत मूल्यांकन संबंधी गड़बड़ी सामने आई और इसी पर काबू पाने के लिए विश्वविद्यालय की ओर से इस तरह की कवायद की जा रही ताकि ऐसी कमियों को दूर किया जा सके।
विश्वविद्यालय की परीक्षाएं चार मार्च से शुरू हो चुकी हैं और छह मई तक चलेंगी और उसके बाद उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन शुरू किया जाएगा। परीक्षा समिति की ओर से लिए गए इस निर्णय से सभी विभागाध्यक्षों को पत्र के माध्यम से अवगत करा दिया गया है और उनसे छह मुख्य परीक्षकों के नाम अतिरिक्त रूप से भेजने को कहा गया है।
समिति के निर्णय के मुताबिक शिक्षकों द्वारा जांची गई कापियों में से रैंडम आधार पर कापिया छांटी जाएंगी और उन्हें मुख्य परीक्षकों द्वारा मूल्यांकन के मानकों पर परखा जाएगा। शिक्षकों का भी मानना है कि इससे शिक्षकों पर मूल्यांकन के दौरान सतर्क रहने का दबाव रहेगा और गलती मिलने पर उनके प्रति जवाबदेही तय की जा सकेगी।
इसके अतिरिक्त विश्वविद्यालय की ओर से एक पहल यह भी की गई है कि परीक्षा के बाद छात्रों को उनकी मांग पर मूल्यांकित उत्तर पुस्तिकाओं की फोटो कापी उपलब्ध करायी जाएगी। हालांकि अपनी उत्तर पुस्तिका की फोटो कापी पाने के लिए छात्रों को 300 रुपये का भुगतान करना पड़ेगा। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, March 13, 2013, 19:09