अमेठी अब नहीं रहेगा जिला, अधिसूचना रद्द

अमेठी अब नहीं रहेगा जिला, अधिसूचना रद्द

लखनऊ : इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने उत्तर प्रदेश में छत्रपति शाहूजी महाराज नगर (अमेठी) नामक नया जिला बनाने सम्बन्धी पूर्ववर्ती मायावती सरकार की जुलाई 2010 की अधिसूचना सोमवार को रद्द कर दी।

मुख्य न्यायाधीश शिवकीर्ति सिंह और न्यायमूर्ति देवेन्द्र कुमार अरोरा की खंडपीठ ने इस मामले में लम्बित याचिकाओं पर यह निर्णय दिया। ये याचिकाएं बृजकिशोर वर्मा तथा अन्य ने दायर की थीं।

मायावती सरकार ने सुलतानपुर जिले की अमेठी, गौरीगंज और जगदीशपुर तीन तहसीलों और रायबरेली जिले की सलोन और तिलोई तहसीलों को काटकर छत्रपति शाहूजी महाराज नगर नामक नया जिला बनाने की अधिसूचना एक जुलाई 2010 को जारी की थी। इसके खिलाफ बृजकिशोर वर्मा तथा अन्य ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ में याचिकाएं दायर की थी।

इस मामले में कानूनी सवालों का जवाब देने के लिये तीन न्यायाधीशों की वृहद पीठ गठित की गयी थी, जिसने 21 सितम्बर 2012 को प्रश्नों का उत्तर देते हुए कहा था कि केन्द्र सरकार की जनगणना सम्बन्धी अधिसूचना के चलते राज्य सरकार एक जुलाई 2010 की यह अधिसूचना नहीं जारी कर सकती थी।

वृहद पीठ ने इस मामले को पुन: दो न्यायाधीशों की खंडपीठ के समक्ष पेश करने का निर्देश दिया था। इसके तहत आज यह मामला दो न्यायाधीशों की खंडपीठ के समक्ष पेश हुआ।

खंडपीठ ने फैसले में कहा,‘चूंकि वृहद पीठ के निर्णय को पक्षकारों ने स्वीकार कर लिया है। लिहाजा एक जुलाई 2010 की अधिसूचना रद्द की जाती है।’ (एजेंसी)

First Published: Monday, April 15, 2013, 17:57

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