Last Updated: Thursday, December 20, 2012, 14:45
इटानगर : अरुणाचल प्रदेश की सरकार राज्य में मौजूद औषधीय पौधों की विविध प्रजातियों का संरक्षण प्राथमिकता के आधार पर कर रही है। इस पर्वतीय राज्य में औषधीय पौधों की लगभग डेढ़ हजार प्रजातियां मौजूद हैं। इन औषधियों का व्यापक प्रयोग भारतीय चिकित्सीय पद्धति (विशेषकर आयुर्वेद) में किया जाता है।
अरुणाचल प्रदेश राजकीय औषधीय वनस्पति बोर्ड ने पहले ही बेंगलुरु आधारित संस्था के सहयोग से स्थानीय स्वास्थ्य परंपराओं के पुनरुद्धार का काम शुरू कर दिया है। औषधीय पौधों के संरक्षण का काम संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम के वैश्विक पर्यावरण सुविधा परियोजना के तहत अपनाया गया। इटानगर के बॉटेनिकल सर्वे ऑफ इंडिया से जुड़े डॉ. माओ ने कहा कि अरुणाचल में औषधीय पौधों की लगभग डेढ़ हजार प्रजातियां संरक्षण के दायरे में आती हैं।
हालांकि उपलब्ध प्रजातियों की असल संख्या इस संख्या से ज्यादा भी हो सकती है। राज्य में मौजूद औषधीय पौधों की कुल संख्या की सूची अभी हमें प्रकाशित करनी है और बीएसआई इसपर काम कर रहा है। उन्होंने औषधीय पौधों के अनुसंधान में जुटे राजकीय वन्य अनुसंधान संस्थान जैसे ईटानगर के अन्य संस्थानों के साथ सहयोग पर जोर दिया। (एजेंसी)
First Published: Thursday, December 20, 2012, 14:45