Last Updated: Wednesday, December 5, 2012, 19:14
देवबंद : देश के प्रमुख इस्लामी शिक्षण संस्थान दारूल उलूम देवबंद ने कहा है कि शरीर पर टैटू गुदवाने और अल्कोहलयुक्त परफ्यूम का इस्तेमाल करने की स्थिति में नमाज जायज नहीं है।
दारूल उलूम के फतवा जारी करने वाले विभाग दारूल इफ्ता की ओर से जारी फतवे में यह बात कही गई है। संस्था की आधिकारिक वेबसाइट पर मौजूद यह फतवा एक युवक की ओर से पूछे गए सवाल (प्रश्न संख्या-42175) के जवाब में दिया गया है।
युवक ने सवाल किया था कि मेरे एक दोस्त की बांह पर टैटू है। वह इसे हटावाना चाहता है। इसमें 50 हजार रुपये से अधिक का खर्च आएगा। शरिया कानून के अनुसार बांह पर टैटू होने पर नमाज जायज है? मेरे दोस्त को क्या करना चाहिए?
इसके जवाब में दारूल दफ्ता ने कहा कि चिकित्सकों की सलाह से इस टैटू को किसी भी सूरत में हटाया जाए। युवक ने इसके साथ ही एक और सवाल किया था कि ऐसे परफ्यूम के इस्तेमाल के बारे में आप हमें जानकारी दे सकते हैं जिसे अल्कोहल की थोड़ी मात्रा से बनाया गया है। क्या इस परफ्यूम का इस्तेमाल करके नमाज अदा की जा सकती है?
इसके जवाब में दारूल इफ्ता ने कहा कि जिस परफ्यूम में अल्कोहल की मात्रा होती है, उसका इस्तेमाल जायज नहीं है। इसका इस्तेमाल करके नमाज अदा नहीं की जा सकती।
इस फतवे पर एक अन्य मुस्लिम शिक्षण संस्था बरेली मरकज ने भी सहमति जताई है। बरेली मरकज के दारूल इफ्ता के प्रमुख मुफ्ती कफील अहमद ने कहा कि शरीर पर टैटू बनवाना इस्लामी नजरिये से बिल्कुल नाजायज है। ऐसे में नमाज भी जायज नहीं हो सकती। उन्होंने कहा कि इसी तरह इस्लाम में अल्कोहल या शराब को हराम करार दिया गया है। दवाओं को छोड़कर अल्कोहल का इस्तेमाल हर जगह नाजायज है। अल्कोहल वाला परफ्यूम इस्तेमाल करके नमाज अदा नहीं जा सकती। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, December 5, 2012, 19:14