Last Updated: Monday, March 25, 2013, 17:01
नई दिल्ली : एक स्थानीय अदालत ने दिल्ली पुलिस को निर्देश दिया है कि वह एक व्यक्ति की पत्नी और उसके परिवार के (पत्नी) सदस्यों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करे। महिला और उसके परिवार के सदस्यों के खिलाफ आरोप है कि उन लोगों ने उस व्यक्ति के मोबाइल फोन पर उसके धर्म को अपमानित करने के इरादे से ‘‘अश्लील’’ एसएमएस भेजे।
मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट सौम्या चौहान ने जामिया नगर थाने के प्रभारी को दिल्ली के एक परिवार के पांच सदस्यों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने का आदेश दिया है। मजिस्ट्रेट ने कहा कि शिकायत और दस्तावेजों पर गौर करने के बाद अदालत का मानना है कि शिकायतकर्ता को भेजे गए एसएमएस अश्लील और आपत्तिजनक हैं तथा उसके धर्म के अपमान के इरादे से जान बूझकर एसएमएस भेजे गए।
अदालत ने कहा कि संदेश मोबाइल फोन से भेजे गए, इस वजह से इसमें सूचना प्रौद्योगिकी कानून की धारा 66ए भी प्रभावी होती है। अदालत ने पुलिस से प्राथमिकी दर्ज करने के बाद स्थिति रिपोर्ट पेश करने को कहा तथा अगली सुनवाई के लिए 13 मई की तारीख मुकर्रर की।
उस व्यक्ति ने अदालत से गुहार लगायी थी कि उसकी पत्नी और ससुराल के सदस्यों के खिलाफ मामला दर्ज किया जाए। उसने आरोप लगाया था कि उसकी पत्नी और ससुराल के लोगों ने उसकी धार्मिक भावना आहत करने के लिए अश्लील एसएमएस भेजे। शिकायतकर्ता ने उन लोगों पर दो समूहों के बीच दुश्मनी फैलाने का भी आरोप लगाया।
व्यक्ति ने अपनी शिकायत में कहा कि उसने जिस महिला से शादी की, वह दूसरे धर्म की है। शादी के बाद महिला ने पति का धर्म अपना लिया। लेकिन महिला के घर वाले इस शादी के खिलाफ थे। व्यक्ति ने आरोप लगाया कि दो साल तक उनका वैवाहिक जीवन खुशहाल रहा लेकिन उसके बाद महिला के घर वालों ने वैवाहिक जीवन बर्बाद करने के लिए षडयंत्र किया और उसे परेशान करने लगे।
उसने कहा कि अपनी पत्नी को ससुराल से बाहर निकालने के लिए उसने दिल्ली उच्च न्यायालय में एक याचिका भी दाखिल की थी। लेकिन महिला ने अदालत के समक्ष एक बयान में कहा कि वह अपने पति के साथ नहीं रहना चाहती। (एजेंसी)
First Published: Monday, March 25, 2013, 17:01