Last Updated: Thursday, July 26, 2012, 21:38
ज़ी न्यूज ब्यूरो/एजेंसीकोकराझार (असम) : असम के चार जिलों में बोडो और अल्पसंख्यक प्रवासियों के बीच हिंसा सातवें दिन भी जारी रही जिसमें अब तक 44 लोगों की जान जा चुकी है। उधर, राज्य के मुख्यमंत्री तरुण गोगोई ने कहा कि स्थिति सुधर रही है। उन्होंने असम की तस्वीर ‘जलते हुए’ राज्य के रूप में दिखाए जाने के लिए मीडिया की आलोचना की। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह अशांति रोकने को उठाए जा रहे कदमों एवं स्थिति का जायजा लेने के लिए शनिवार को असम का दौरा करेंगे।
कोकराझार जिले में अनिश्चिकालीन कर्फ्यू जारी है और वहां उपद्रवियों को देखते ही गोली मारने के आदेश प्रभावी हैं। चिरांग और धुबरी जिलों में रात का कर्फ्यू लगा है। करीब 9 लाख लोगों ने 150 राहत शिविरों में शरण ले रखी है। 11 लोग लापता हैं। दो दिन तक पूरी तरह बाधित रहने वाली ट्रेन सेवा शुरू हो चुकी है। विभिन्न स्थानों पर फंसे यात्रियों को लेने के लिए गुवाहाटी से नई दिल्ली, कोलकाता और बेंगलुरु के लिए तीन विशेष ट्रेनें चलाई जा रही हैं।
आज सुबह यहां पहुंचे गोगोई ने कहा कि चिरांग जिले से तीन तथा धुबरी जिले से एक और व्यक्ति की मौत की खबर मिलने के साथ ही मरने वालों की संख्या 44 हो गई है, जबकि 11 अब भी लापता हैं । उन्होंने बताया कि हिंसा में दो लाख से अधिक लोग बेघर हो गए हैं।
पुलिस महानिरीक्षक (कानून एवं व्यवस्था) एल.आर. बिश्नोई ने कहा कि अज्ञात शरारती तत्वों के हमले में कोकराझार जिले के कार्यकारी मजिस्ट्रेट विपुल सैकिया घायल हो गए और उनका वाहन क्षतिग्रस्त कर दिया गया। हमले के वक्त वह जिले के भोटगांव कांचीपाड़ा क्षेत्र स्थित राहत शिविर का दौरा करने जा रहे थे।
यह दावा करते हुए कि ‘असम जल नहीं रहा है’ गोगोई ने स्वीकार किया कि शुरू में सुरक्षा में ढिलाई रही और कहा कि सेना सहित पर्याप्त सुरक्षाबलों की तैनाती के साथ स्थिति धीरे-धीरे सुधर रही है। उन्होंने मीडिया की यह कहकर आलोचना की कि इसका एक तबका असम को ‘जलते हुए’ राज्य के रूप में पेश कर रहा है।
First Published: Thursday, July 26, 2012, 21:38