`असम हिंसा में कोई उग्रवादी समूह शामिल नहीं`

`असम हिंसा में कोई उग्रवादी समूह शामिल नहीं`

गुवाहाटी : अखिल बोडोलैंड अल्पसंख्यक छात्र संगठन (एबीएमएसयू) ने हाल में निचले असम में हुई हिंसा में नवगठित संगठन यूनाइटेड मुसलिम नेशनल आर्मी की संलिप्तता से आज इंकार किया है। संगठन का कहना है कि उसके शामिल होने के बारे में कोई भी सबूत मौजूद नहीं हैं।

एबीएमएसयू के महासचिव मुजीब अली अहमद ने पत्रकारों को बताया,‘बोडोलैंड लिबरेशन टाइगर्स के एक वरिष्ठ पूर्व सदस्य का यह आरोप झूठा था कि इस हिंसा में यूनाइटेड मुसलिम नेशनल आर्मी शामिल था। इस संगठन के अस्तित्व में होने का कोई भी सबूत नहीं है।’ अहमद ने कहा,‘कई संगठनों द्वारा आरोप और प्रत्यारोप लगाए जा रहे हैं। हालांकि कोई भी इसे प्रमाणित नहीं कर पाया है।’ एबीएमएसयू के नेता ने कहा कि प्रशासन द्वारा आश्वासन दिए जाने के बावजूद शरणार्थी शिविरों में जरूरी चीजों तक का अभाव है।

सरकार द्वारा 15 अगस्त तक सभी शरणार्थियों को वापस भेज देने की समय सीमा के बारे में अहमद ने कहा,‘राज्य सरकार ने समय सीमा तय कर दी है। हम सरकार से सुरक्षा पुख्ता करने की अपील करते हैं ताकि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।’ उन्होंने कहा कि अपना घर खो देने वाले लोगों के लिए सरकार द्वारा घोषित 30 हजार रूपये की राशि को बढ़ाकर 50 हजार कर दिया जाना चाहिए। साथ ही अहमद ने आरोप लगाया कि गैर बोडो समुदायों को बोडोलैंड टैरीटोरियल काउंसिल के इलाकों में अपने संवैधानिक अधिकार नहीं मिल रहे हैं। (एजेंसी)

First Published: Saturday, August 4, 2012, 16:30

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