Last Updated: Tuesday, February 21, 2012, 12:15
हैदराबाद : आंध्र प्रदेश में पिछले सप्ताह से जारी राजनीतिक गतिरोध लगातार बना हुआ है और इस क्रम में मंगलवार को भी राज्य विधानसभा कार्यवाही अवरुद्ध रही। विधानसभा में जारी हंगामे के कारण विधानसभाध्यक्ष एन. मनोहर को सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी, क्योंकि तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा), तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) और अन्य विपक्षी दलों ने सदन की कार्यवाही में बाधा पहुंचाई।
तीन दिनों के अवकाश के बाद सदन की बैठक जैसे ही शुरू हुई, तेदेपा और टीआरएस के सदस्य अध्यक्ष के आसन के पास पहुंच गए। जहां तेदेपा ने भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) द्वारा शराब कारोबारियों के यहां मारे जा रहे छापों पर बहस कराने की मांग की, वहीं टीआरएस ने पृथक तेलंगाना राज्य के लिए प्रस्ताव लाने की मांग की।
हाथों में तख्तियां लिए और नारेबाजी करते हुए विपक्षी सदस्यों ने विधानसभा की कार्यवाही नहीं चलने दी। मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लमीन (एमआईएम) के सदस्यों ने भी मुस्लिम युवकों को पुलिस द्वारा कथितरूप से प्रताड़ित किए जाने के मुद्दे पर बहस कराने की मांग की, जबकि मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने अपने नेता पी. मधु पर एमआईएम के कार्यकर्ताओं द्वारा किए गए हमले के मुद्दे को उठाना चाहा।
विधानसभा अध्यक्ष द्वारा बार-बार अनुरोध किए जाने पर भी जब सदस्य शांत नहीं हुए तो उन्होंने सदन की कार्यवाही आधा घंटा के लिए स्थगित कर दी। कार्यवाही स्थगित किए जाने के विरोधस्वरूप तेदेपा सदस्य विधानसभाध्यक्ष के कक्ष के बाहर जमा हो गए और सदन की कार्यवाही चलाने की मांग करने लगे। टीआरएस नेता ई. राजेंद्र ने कहा कि वे सरकार को तब तक सदन चलाने नहीं देंगे, जब तक कि तेलंगाना आंदोलन में शामिल हुए विद्यार्थियों के खिलाफ दर्ज मामले वापस नहीं ले लिए जाते और तेलंगाना क्षेत्र के कर्मचारियों को किए गए वादे पूरे नहीं कर दिए जाते, जिन वादों के बाद कर्मचारियों ने पिछले वर्ष 42 दिनों बाद अपनी हड़ताल वापस ले ली थी।
(एजेंसी)
First Published: Tuesday, February 21, 2012, 17:45